भारत के जेम्स बॉन्ड अब चीन के दीवार की पार की खबर बताएंगे। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अब भारत सरकार जासूसी पोस्ट बनाएगी। बॉर्डर पर मौजूद आईटीबीपी की चौकियों से चीन की सीमा के अंदर तक नजर रखी जाएगी और इसकी तैयारी भी हो गई है। सूत्रों के अनुसार इस प्रोजेक्ट की शुरुआत अरुणाचल प्रदेश में तवांग जिले के एक गांव मागो से होगी। ये चीन की सीमा के करीब पहला गांव है। साल 2020 में पहली बार हर मौसम में जाने लायक सड़क बनाई गई है। केंद्र सरकार ने सीमा पर जासूसी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसका नाम बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट होगा। ये पोस्ट इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस की चौकियों पर और लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक बनाई जाएगी।
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हर बॉडर्र इंटेलिजेंस पोस्ट पर इंटेलिजेंस ब्यूरो के चार-पांच अधिकारी तैनात रहेंगे और आईटीबीपी के जवान उनकी सुरक्षा करेंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी बॉर्डर पार होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। चीन की निगरानी करेंगे। जानकारी एकट्ठा करेंगे और इसकी खबर इंटेलिजेंस ब्यूरो और सरकार तक पहुंचाएंगे। लद्दाख से एलएसी पोस्ट तक जासूसी की पोस्ट बनाने की वजह चीन की सेना की बढ़ती घुसपैठ है। भारत चीन सीमा पर पिछले कुछ वर्षों में कई बार दोनों देशों की सेनाएं भिड़ चुकी हैं। भारत चीन बॉर्डर पर आईटीबीपी के करीब 180 बॉर्डर पोस्ट हैं। हाल ही में 45 नए पोस्ट बनाने की मंजूरी दी गई है।
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ऊपर उद्धृत शीर्ष अधिकारी ने बीआईपी की सटीक संख्या और केंद्र द्वारा इसके लिए अनुमोदित बजट का खुलासा नहीं किया। लेकिन उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे सभी संवेदनशील बीओपी में ये विशेष रूप से प्रशिक्षित खुफिया अधिकारी होंगे, जिनके पास नवीनतम निगरानी उपकरणों तक पहुंच होगी। यह घटनाक्रम चीन द्वारा एलएसी पर अपनी ताकत दिखाने, नियमित घुसपैठ के प्रयासों के माध्यम से भारत को उकसाने और सीमा के दूसरी ओर हवाई क्षेत्रों और मिसाइल साइटों जैसे सैन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए दबाव डालने के मद्देनजर आया है।