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कोलंबो । श्रीलंका के राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे ने 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। विक्रमसिंघे ने ही नकदी की कमी से जूझ रहे श्रीलंका को 2022 में दिवालियापन से स्थिरता की ओर ले जाने का जिम्मा संभाला था। श्रीलंका के निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव की तारीख की घोषणा की। चुनाव में किन प्रमुख उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा, इसपर महीनों से लगाई जा रही अटकलों का शनिवार को अंत हो गया।
विक्रमसिंघे (75) ने दक्षिणी शहर गॉल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “आज (शनिवार) इस शहर में मेरा आना बहुत जरूरी था क्योंकि मैं घोषणा करता हूं कि मैं राष्ट्रपति चुनाव लड़ूंगा। इसके लिए मैंने अपनी जमा राशि पहले ही जमा कर दी है।” ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की कमजोर स्थिति को देखते हुए विक्रमसिंघे राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे। यूएनपी के 2020 में बंट जाने के कारण समागी जन बलावेगाया (एसजेबी) का गठन हुआ, जो वर्तमान में मुख्य विपक्षी दल है।
विक्रमसिंघे ने देश में मची आर्थिक उथल-पुथल का जिक्र करते हुए कहा, “मैं दो साल पहले किए गए कठिन कार्य को पूरा करने के लिए सभी का समर्थन चाहता हूं।” विक्रमसिंघे देश के वित्त मंत्री भी हैं। इसी आर्थिक उथल-पुथल के कारण 2022 में राजपक्षे परिवार को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। विक्रमसिंघे मई 2022 में उस समय प्रधानमंत्री बने, जब देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था और हजारों लोग तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए थे।