श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और इस देश की यात्रा पर आये सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने यहां शनिवार को कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति से दिशानिर्देशित हो रही है।
अधिकारियों ने बताया कि विक्रमसिंघे और मुरुगन ने जाफना में मुलाकात की और भारत द्वारा वित्त-पोषित ‘कल्चरल सेंटर’ श्रीलंका के लोगों को समर्पित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच साझेदारी प्रधानमंत्री मोदी की ‘पड़ोस प्रथम नीति’ से दिशानिर्देशित हो रही है।
यह नीति भारतीय विदेश नीति का एक अभिन्न हिस्सा है। यह भारत के दक्षिण पूर्वी एशियाई पड़ोसी देशों के साथ अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अनुसंधान तथा शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में सौहार्द्रपूर्ण और तालमेल पूर्ण संबंध बनाने पर जोर देता है।
इस अवसर पर विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया एक तोहफा है। मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहूंगा। यह भारत-श्रीलंका साझेदारी की एक विशेषता बनी रहेगी।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने इस केंद्र को एक महत्वपूर्ण पहल बताया है और इस अवसर पर राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की उपस्थिति को सराहा।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘जाफना कल्चरल सेंटर भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ सांस्कृतिक सहयोग को दर्शाने वाली एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे कई लोगों को फायदा होगा। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी खास बना दिया।’’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘मैं 2015 की जाफना की अपनी विशेष यात्रा को नहीं भूलूंगा, जहां मुझे जाफना कल्चरल सेंटर की आधारशिला रखने का अवसर मिला था। इस ट्वीट के साथ उन्होंने अपनी जाफना यात्रा की तस्वीरें भी साझा कीं।
इस केंद्र की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2015 में रखी थी। इसमें एक संग्रहालय, 600 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था वाला एक अत्याधुनिक सभागार और 11 मंजिला ‘लर्निंग टावर’ जैसी सुविधाएं होंगी।