श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को कहा कि वह देश के जातीय मुद्दे का समाधान करने के लिए शक्तियों का विकेंद्रीकरण करने को प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, उन्होंने संघर्ष प्रभावित उत्तरी क्षेत्र के विकास के लिए तमिल समुदाय की भागीदारी की जरूरत को रेखांकित किया।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने जाफना में अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह उम्मीद भी जताई कि भारत पूर्वी बंदरगाह त्रिंकोमाली के विकास में योगदान देगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें आर्थिक संवृद्धि कार्यक्रमों के साथ उत्तरी हिस्से के लिए बड़े विकास कार्यक्रम शुरू करने होंगे।’’
उन्होंने कहा कि गृह युद्ध की समाप्ति के 14 साल बाद, जो विकास हुआ है, वह पर्याप्त नहीं है।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में 1983 से लेकर 2009 तक गृह युद्ध चला था।
इस बीच, भारत ने शनिवार को अत्याधुनिक ‘जाफना कल्चरल सेंटर’ श्रीलंका के लोगों को समर्पित किया। इसे भारत की सहायता से निर्मित किया गया है और यह द्विपक्षीय विकास साझेदारी का एक शानदार उदाहरण है।
इस केंद्र की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में रखी थी।
श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ऐतिहासिक जाफना कल्चरल सेंटर को आज (श्रीलंका के)राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, राज्य मंत्री मुरुगन, उच्चायुक्त, माननीय मंत्री विदुर विक्रमनायके व अन्य की उपस्थिति में लोगों को समर्पित किया गया।