श्रीलंका में 340 स्थानीय परिषद का चार वर्षीय कार्यकाल रविवार रात को समाप्त होगा, लेकिन चुनाव निगरानी समूहों का मानना है कि 25 अप्रैल को निर्धारित निकाय चुनाव होने की संभावना कम है।
देश में मौजूदा आर्थिक संकट के कारण स्थानीय निकाय चुनाव 25 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिए गए थे। ये चुनाव पहले नौ मार्च को होने वाले थे। सरकार ने कहा था कि संसाधन कम होने की स्थिति में चुनाव प्राथमिकता नहीं है।
देश के दो चुनाव निगरानी समूहों से जुड़े रोहना हेत्तियाराच्ची और मंजुला गजनायके ने आरोप लगाया कि सरकार की चुनाव कराने में दिलचस्पी नहीं है।
स्थानीय सरकार के राज्य मंत्री जनक वक्कुमबुरा ने संवाददाताओं से कहा कि चूंकि, श्रीलंका में स्थानीय परिषदों का चार साल का कार्यकाल रविवार रात को समाप्त हो रहा है, इसलिए सरकार को इन परिषदों का नियंत्रण विशेष आयुक्तों को सौंपना है।
वक्कुमबुरा ने कहा, ‘‘स्थानीय परिषद के अधिनियम के अनुसार उन्हें नगरपालिका आयुक्तों और मंडल सचिवों के प्रभार में रखा जाएगा।’’
मतदान वाले दिन ड्यूटी पर रहने वाले निर्वाचित अधिकारी डाक मतपत्रों के जरिये 28 से 31 मार्च को मतदान करेंगे।
हालांकि, सरकारी मुद्रक ने घोषणा की है कि उसका विभाग धन की कमी के कारण सोमवार की समय सीमा तक डाक मतपत्र जारी करने में असमर्थ है।
श्रीलंका के चुनाव आयोग ने सरकार से स्थानीय परिषद चुनाव कराने के लिए आवश्यक धनराशि जारी करने का अनुरोध किया है।
अधिकारियों ने बताया कि आयोग को अभी तक इसका उत्तर नहीं मिला है।
उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने वाले विपक्षी दलों ने कहा है कि शीर्ष अदालत के अंतरिम आदेश का पालन करने से इनकार करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाया जाएगा।