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नामीबिया में औपनिवेशिक काल के एक जर्मन अधिकारी ‘कर्ट वॉन फ्रॉन्स्वा’ की प्रतिमा हटाई गई

नामीबिया में औपनिवेशिक काल के एक जर्मन अधिकारी ‘कर्ट वॉन फ्रॉन्स्वा’ की प्रतिमा हटाए जाने के बाद उपनिवेश विरोधी कार्यकर्ताओं की जीत हुई है। इस प्रतिमा को देश की राजधानी में विंडहोक सिटी काउंसिल के सामने से अब हटा दिया गया है।
वर्ष 1990 में आजादी हासिल करने वाले नामीबिया में दक्षिण अफ्रीका के शासन से पहले जर्मनी का औपनिवेशिक शासन था। हमने नामीबिया के राजनीति विज्ञानी हेनिंग मेल्बर से इस हंगामे और जर्मन अधिकारी फ्रॉन्स्वा के बारे में पूछा।
यह प्रतिमा खबरों में क्यों है?
यह प्रतिमा वर्ष 1965 में विंडहोक नगरपालिका में कैसरस्ट्रीट स्थित नये मुख्यालय के बाहर स्थापित की गई थी।

यह प्रतिमा उस जर्मन अधिकारी और प्रशासक को मान्यता प्रदान करती है जिसने 1890 के दशक में शुरुआती जर्मन औपनिवेशिक युग में निर्णायक स्थानीय भूमिका निभाई थी। नामिबिया को 1884 में संरक्षित क्षेत्र घोषित करके इस पर 30 सालों तक कब्जा रखा।
वर्ष 1904 और 1908 के बीच जर्मनी ने औपनिवेशिक शासन का विरोध करने वाले ओवाहेरेरो और नामा जैसे स्थानीय समुदाय के खिलाफ नरसंहार करने वाले युद्ध की शुरुआत की। इसी तरह दमारा और सान समुदाय को भी बर्बाद किया गया।
जर्मन उपनिवेश की गैर आलोचनात्मक स्मृति के रूप में इस प्रतिमा को लेकर कुछ समय से विवाद था।

लेकिन कर्ट वॉन फ्रॉन्स्वा को शहर का संस्थापक मानकर जश्न मनाना गलत है। फ्रॉन्स्वा की प्रतिमा को 23 नवंबर, 2022 को हटा दिया गया था।
कर्ट वॉन फ्रॉन्स्वा कौन थे?
कर्ट वॉन फ्रॉन्स्वा (1852-1931) एक प्रशिक्षित भूगोलविद थे। वर्ष 1889 में उसे एक छोटी सैन्य इकाई के नियंत्रण वाले एक क्षेत्र में भेजा गया।
उसने वर्ष 1890 में विंडहोक में एक प्रशासनिक और सैन्य केंद्र स्थापित किया, इस बस्ती की स्थापना 19वीं शताब्दी के मध्य में नामा समुदाय के नेता जोंकर अफ्रिकानेर ने की थी।

वोन फ्रॉन्स्वा ने अपने लगातार सैन्य अभियान के लिए एक किले का निर्माण प्रारंभ किया जिसे ‘अल्टे फेस्टे’ कहा गया।
लेकिन त्रुटिपूर्ण औपनिवेशिक दृष्टि के कारण फ्रॉन्स्वा पर विंडहोक का संस्थापक होने का लेबल चस्पा कर दिया गया।
वर्ष 1891 में प्रोन्नति पाकर कॉलोनी का प्रशासक बनने पर फ्रॉन्स्वा ने हॉर्नक्रांज पर वर्ष 1893 में हमला किया। यही वह स्थान है जहां औपनिवेशिक शासन का विरोध करने के दौरान ओलाम नामा को अपने महान नेता हेंड्रिक विटबूइ के नेतृत्व में पीछे हटना पड़ा था।
इस दौरान नामा समुदाय के 80 लोगों (खासकर महिलाओं और बच्चों) का नरसंहार किया गया था और इतनी ही संख्या में लोग घायल हुए थे।

क्यों कार्यकर्ता इस इतिहास के विरोध में हैं?
वॉन फ्रॉन्सवा जर्मन उपनिवेश का एक एजेंट थे जो विदेशी शासन की स्थापना के लिए मारकाट का इच्छुक थे। उन्होंने स्थानीय समुदाय के लिए उस चीज के लिए मजबूर किया जिसे शिष्ट में ‘संरक्षण संधि’ करार दिया गया।
इसने स्थानीय समुदाय को जर्मन औपनिवेशिक शासकों के समक्ष अपनी सत्ता सौंपने के लिए मजबूर किया। ऐसे में गलत तरीके से विंडहोक का संस्थापक फ्रॉन्स्वा को करार दिया गया।

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