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China में आई सबसे अजीब समस्या, युवाओं का नया ट्रेंड बना जिनपिंग का सिरदर्द

एक अजीब घटना ने चीन को हिलाकर रख दिया है। चीन की सरकार बुरी तरह से घबरा गई है। पूरा भारत भी इस खबर को सुनकर हैरान हो जाएगा। चीन में ऐसा बवाल शुरू हुआ है कि इस साल बच्चों से ज्यादा पालतू कुत्ते और बिल्ली हो जाएंगे। यानी खुद को महाशक्ति बोलने वाले चीन में अब बच्चों से ज्यादा पालतू जानवर होंगे। इनवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन शैक की एक रिपोर्ट कहती है कि इस साल के आखिर तक चीन के शहरों में पालतू जानवरों की संख्या चार साल के उम्र के बच्चों से भी ज्यादा हो जाएगी। हान्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक प्रोफेसर स्टुअर्ट बास्टेन ने कहा है कि चीन में युवा जोड़े बेरोजगारी की वजह से कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

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इन लोगों के लिए बच्चे पालना काफी महंगा हो गया है। इसलिए अब चीन के लोग बच्चों की जगह पालतू जानवर पाल रहे हैं। जिनमें सबसे ज्यादा कुत्ते और बिल्ली शामिल है। 36 वर्षीय हैनसेन और 35 वर्षीय मोमो जैसे कई चीनी जोड़े बच्चों के लिए नहीं इसके बजाय, वे पालतू माता-पिता बन गए हैं। अनुमान के अनुसार, 2030 तक अकेले शहरी चीन में पालतू जानवरों की संख्या देश भर में छोटे बच्चों की संख्या से लगभग दोगुनी हो जाएगी। यदि ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्तों और बिल्लियों की संख्या को शामिल कर लिया जाए तो देश की पालतू स्वामित्व दर और भी अधिक होगी। गोल्डमैन सैक्स का अनुमान एक ऐसी पीढ़ी के बदलते मूल्यों को दर्शाता है जो अब पारंपरिक सोच का समर्थन नहीं करती है कि शादी का मतलब जन्म देना और पारिवारिक वंश को आगे बढ़ाना है।

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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारत में उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा है कि वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है इसलिए वह बेरोजगारी का सामना नहीं कर रहा है जबकि भारत और अमेरिका समेत पश्चिमी देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जुलाई के महीने में चीन में युवाओं की बेरोजगारी दर 17 प्रतिशत तक पहुंच गई है। 

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