ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने देश में जारी स्वास्थ्य संकट सुधारने के लिए शनिवार को 10 डाउनिंग स्ट्रीट में अपने मंत्रियों, चिकित्सकों और स्वास्थ्य सेवा प्रबंधकों को आपात बैठक बुलाई।
ब्रिटेन में स्वास्थ्य संकट की स्थिति ऐसी गहरा गयी है कि अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ है और हजारों रोगी अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे हैं।
सरकार ने कहा है कि वह स्वास्थ्य एवं सेवा क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ ला रही है, ताकि ज्ञान एवं व्यावहारिक समाधान को एक-दूसरे से साझा किया जा सके।
विपक्षी लेबर पार्टी ने इस बैठक को थोथी कवायद करार देते हुए खारिज कर दिया है और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सरकार द्वारा वित्त-पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एचएचएस) में लंबे समय से चल रही समस्याओं का कोई त्वरित समाधान नहीं है।
कोरोना महामारी संबंधी प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद देखभाल की बढ़ती मांग, दो वर्ष की बंदी के बाद फ्लू और सर्दी के अन्य विषाणुओं में वृद्धि; और ब्रेक्सिट के बाद यूरोपीय कर्मचारियों में कमी की वजह से ब्रिटेन की स्वास्थ्य प्रणाली दबावों का सामना कर रही है।
हजारों अस्पताल के बिस्तर ऐसे लोगों से भरे हुए हैं जो छुट्टी पाने लायक हैं, लेकिन लंबे समय तक देखभाल के लिए जगह की कमी के कारण अस्पताल से बाहर नहीं जा सकते।
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि पिछले हफ्ते इंग्लैंड के एक अस्पताल से छुट्टी लायक मरीजों में से केवल एक तिहाई मरीज ही नाम कटाकर जा सके हैं।
एनएचएस कन्फेडरेशन के मुख्य कार्यकारी मैथ्यू टेलर ने कहा, यह संकट एक दशक या उससे अधिक समय से बना हुआ है।
इस बीच, हड़ताल समाप्त कराने के प्रयास के तहत स्वास्थ्य संघों के नेता सोमवार को सरकार से मिलने वाले हैं।
स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करने वाला ब्रिटेन यूरोप का एकमात्र देश नहीं है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉ ने शुक्रवार को फ्रांस की संघर्षशील स्वास्थ्य प्रणाली को दुरुस्त करने की योजना की घोषणा की।