ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शुक्रवार को स्कॉटलैंड की नेता निकोला स्टर्जियोन के साथ रचनात्मक तरीके से काम करने का संकल्प लिया, यद्यपि स्टर्जियोन के प्रशासन द्वारा आजादी के लिए एक नये जनमत संग्रह की इच्छा व्यक्त किये जाने को लेकर दोनों नेताओं में तनाव जारी था।
सुनक ने सत्ता संभालने के बाद स्कॉटलैंड की अपनी पहली यात्रा के दौरान स्कॉटिश प्रथम मंत्री निकोला स्टर्जियोन के साथ निजी बातचीत की। उन्होंने कहा था कि यद्यपि वे एक दूसरे की हर बात बात पर सहमत नहीं हो रहे हैं , लेकिन फिर भी उनका मानना है कि सहयोग की गुंजाइश है।
स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता की स्टर्जियोन की मांग के कारण उनके संबंध सुनक के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों -बोरिस जॉनसन और लिज़ ट्रस-के साथ ठंडे थे।
सुनक ने बीबीसी को बताया, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में मैं स्कॉटिश सरकार के साथ रचनात्मक रूप से काम करना चाहता हूं, ताकि स्कॉटलैंड के लोगों के जीवन में बदलाव लाया जा सके।
ब्रिटिश सरकार ने कहा कि स्वतंत्रता का प्रश्न 2014 के जनमत संग्रह के दौरान तय किया गया था, जब स्कॉटिश मतदाताओं ने जनमत संग्रह को 45 प्रतिशत के मुकाबले 55 प्रतिशत के अंतर से खारिज कर दिया था।
स्टर्जियोन ने दलील दी है कि तब से स्थिति बदल गई है और उनकी अर्ध-स्वायत्त सरकार ने एक नए जनमत संग्रह के लिए जोर दिया है, लेकिन नवंबर में, ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि स्टर्जियोन की सरकार के पास ब्रिटिश सरकार की सहमति के बिना नया जनमत संग्रह कराने का अधिकार नहीं है।