पाकिस्तान ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई कानूनी मूल्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा है। देश की शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था।
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इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना करते हुए इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताया। अप्रैल 2022-अगस्त 2023 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने वाले शरीफ ने कहा कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के खिलाफ फैसला देकर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने लाखों कश्मीरियों के बलिदान को धोखा दिया है।
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पाकिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून भारत के 5 अगस्त 2019 के एकतरफा और अवैध कार्यों को मान्यता नहीं देता है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्यायिक समर्थन का कोई कानूनी मूल्य नहीं है। प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र एससी प्रस्तावों के अनुसार कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अपरिहार्य अधिकार है। इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना करते हुए इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताया।