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अमेरिका में गर्भपात की दवा बैन होगी या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा तय

सुप्रीम कोर्ट संयुक्त राज्य अमेरिका में गर्भपात की सबसे आम विधि में इस्तेमाल की जाने वाली दवा पर विवाद को उठाने के लिए सहमत हो गया। पिछले साल रो बनाम वेड को पलटने के बाद यह गर्भपात का पहला मामला था। न्यायाधीश बाइडेन प्रशासन और दवा मिफेप्रिस्टोन के निर्माता की अपील पर सुनवाई करेंगे, जिसमें उच्च न्यायालय से अपीलीय फैसले को उलटने की मांग की जाएगी। यहां तक ​​​​कि उन राज्यों में भी जहां गर्भपात कानूनी है। प्रतिबंधों में उस समय को मौजूदा 10 सप्ताह से घटाकर सात सप्ताह करना शामिल है, जिसके दौरान गर्भावस्था में मिफेप्रिस्टोन का उपयोग किया जा सकता है। इस मामले का फैसला आगामी जुलाई 2024 तक आ सकता है।

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घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की दवा के सुरक्षित और प्रभावी अनुमोदन और विनियमन का समर्थन करना जारी रखेगा। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे के अनुसार न्याय विभाग सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एफडीए की कार्रवाइयों का बचाव करना जारी रखता है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति देखभाल तक महिलाओं की क्षमता की रक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। 

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नौ न्यायाधीशों ने गर्भपात विरोधियों की एक अलग अपील को खारिज कर दिया, जिन्होंने 2000 में मिफेप्रिस्टोन को सुरक्षित और प्रभावी के रूप में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की प्रारंभिक मंजूरी को चुनौती दी थी। मामले पर वसंत ऋतु में बहस की जाएगी, और 2024 के राष्ट्रपति और कांग्रेस के अभियानों के मध्य में, जून के अंत तक निर्णय आने की संभावना है।

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