अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वाशिंगटन को अल-कायदा के खतरे को ‘खत्म’ करने के लिए अफगानिस्तान के तालिबान से मदद मिल रही है। बाइडेन की यह अप्रत्याशित टिप्पणी पिछले महीने जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का खंडन करती है जिसमें कहा गया था कि तालिबान अल-कायदा के साथ मजबूत और सहजीवी संबंध हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने छात्र ऋण राहत कार्यक्रम को रोकने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की। एक रिपोर्टर ने पूछा कि क्या उन्होंने 2021 में अफगानिस्तान से वापसी के दौरान की गलतियों को स्वीकार किया है।
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जिसके जवाब में जो बाइडेन ने कहा कि क्या आपको याद है कि मैंने अफगानिस्तान के बारे में क्या कहा था? मैंने कहा कि अल कायदा वहां नहीं होगा। मैंने कहा यह वहां नहीं होगा। मैंने कहा कि हमें तालिबान से मदद मिलेगी। अभी क्या हो रहा है? क्या चल रहा है? यह सवाल शुक्रवार को जारी अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट से प्रेरित है, जिसमें अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के अंतिम हफ्तों और उसके बाद तालिबान कट्टरपंथियों द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के दौरान हुई अराजकता के लिए ट्रम्प और बाइडेन प्रशासन दोनों को दोषी ठहराया गया था।
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इस बीच शनिवार को अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने बाइडेन की टिप्पणी को लपक लिया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हम अफगानिस्तान में सशस्त्र समूहों की गैर-मौजूदगी के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की टिप्पणी को वास्तविकता की स्वीकृति मानते हैं। यह संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध निगरानी टीम की हालिया रिपोर्ट का खंडन करता है जिसमें अफगानिस्तान में बीस से अधिक सशस्त्र समूहों की उपस्थिति और संचालन का आरोप लगाया गया है।