प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम शौर्यपथ में हम देश-दुनिया में चल रही उठापटक की स्थिति पर चर्चा करते हैं। इसमें हमेशा की तरह हमारे मेहमान रहे ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त)। हमने उनसे देश दुनिया के विभिन्न मसलों पर चर्चा की है। हमने रूस-यूक्रेन को लेकर सवाल पूछे और यह जानना चाहा कि आखिर व्लादिमीर पुतिन किस प्लान के तहत आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर ईरान को लेकर भी लगातार खबरें आ रही है ईरान ने कहीं ना कहीं अमेरिका से बातचीत के संकेत दिए हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? इस पर भी हमने ब्रिगेडियर त्रिपाठी से सवाल पूछे इसराइल और हमास के बीच की लड़ाई को लेकर भी हमने इस कार्यक्रम में ब्रिगेडियर त्रिपाठी के साथ चर्चा की है। साथ ही साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जो हाल में ही अमेरिका दौरे पर थे, उनके इस दौरे से भारत को क्या कुछ लाभ हुआ है, इसे भी हम ब्रिगेडियर त्रिपाठी से समझने की कोशिश की।
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– ब्रिगेडियर त्रिपाठी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि वर्ल्ड वॉर 2 के बाद यह पहली लड़ाई है जो कि इतनी लंबी जा रही है। उन्होंने कहा कि युद्ध नए मोड़ पर है पुतिन की सोच के आधार पर यह युद्ध लड़ी जा रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का भी अपना प्लान है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन दावा कर रहा है कि वह रूस के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर चुका है। हालांकि, वह ऐसा क्षेत्र है जहां रूस उतना मजबूत नहीं था। उस क्षेत्र पर कब्जा करके यूक्रेन को मनोवैज्ञानिक लाभ मिलता जरूर दिखाई दे रहा है। लेकिन हैरानी यह है कि पुतिन ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है। इसके साथ ही ब्रिगेडियर त्रिपाठी ने यह भी कहा कि हो सकता है आने वाले दिनों में पुतिन यूक्रेन के खिलाफ दोतरफा युद्ध करें। यूक्रेन रूस में जिस क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है, वहां वह स्थिर है, आगे नहीं बढ़ पा रहा है। हो सकता है कुछ दिनों के बाद रूस की सेना पीछे से वहां यूक्रेनी सेना पर अटैक कर दे। ब्रिगेडियर त्रिपाठी ने यह भी कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति पश्चिमी देशों को संदेश देना चाहते हैं कि हम अभी कमजोर नहीं हुए, हम मजबूत है। हालांकि रूस ने खारकिव पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। रूस कभी भी सिविलियन क्षेत्र को टारगेट नहीं कर रहा है। बातचीत की लगातार कोशिश हुई है। शांति बहाली की भी कोशिश हुई है। लेकिन यह कंटिन्यू नहीं हो पा रहा।
– ब्रिगेडियर त्रिपाठी ने कहा कि अमेरिका लगातार इस तरह की चेतावनी देता रहा है। इसके पीछे भी अमेरिका की कोई ना कोई रणनीति होगी। कहीं ना कहीं वह ईरान पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। दूसरी ओर ईरान पर भी प्रेशर है। सवाल उठ रहे हैं कि ईरान ने अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की है। अमेरिका ईरान को संदेश देने की कोशिश में है। साथ ही साथ अमेरिका यह भी बता रहा कि वह हर हाल में इजरायल के साथ है। उन्होंने कहा कि हो सकता है ईरान अपने समय का इंतजार कर रहा हो। ईरान सीधी लड़ाई के बजाय प्रॉक्सी वार कर सकता है। फिलहाल ईरान आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहा है। आर्थिक समस्या उसकी लगातार बढ़ती जा रही है। शायद इसी वजह से अमेरिका के साथ बातचीत को वह तैयार हुआ है क्योंकि उसके ऊपर कई तरीके के सैंक्शन लगे हुए हैं। सैंक्शन से राहत मिलने पर ईरान के लिए आगे के रास्ते आसान हो सकते हैं।
– ब्रिगेडियर त्रिपाठी ने कहा कि यह युद्ध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शांति प्रक्रियाओं में लगातार बाधा उत्पन्न हो रही है। अपनी तरफ से इस सप्ताह में हमने देखा कि कैसे हिज़बुल्लाह की ओर से फायरिंग की गई थी। इसके बाद इजरायल ने भी पलटवार किया है। लेबनान में हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर इजरायल ने कार्रवाई की है। दोनों ओर से लड़ाई लगातार बढ़ती जा रही है। गाजा को लेकर इसराइल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वेस्ट बैंक में भी वह अपना ऑपरेशन लगातार चला रहा है। त्रिपाठी ने कहा कि इसराइल हर हाल में हमास को खत्म करना चाहता है। उन्होंने कहा कि पहले पीस प्लान की बातचीत हो रही थी लेकिन यह बार-बार डिटेल हो जा रही है। बेंजामिन नेतन्याहू पर भी राइट विंग का प्रेशर है। इसलिए बातचीत को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। अमेरिका ब्रिजिंग प्लान लाने की कोशिश में है। हालांकि कुछ इसका फायदा होता नहीं दिखाई दे रहा है। राष्ट्रपति उम्मीदवार के दौर से बाहर होने के बाद जो बिडेन भी चुप है। कमला हैरिस और ट्रंप भी इसराइल मसले को लेकर बहुत कुछ बोल नहीं रहे हैं।
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– रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अमेरिका दौरे को लेकर ब्रिगेडियर त्रिपाठी ने कहा कि आज के वक्त में खुद को मजबूत रखना हर देश के लिए सबसे बड़ी जरूरत है। भारत लगातार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने की बात कर रहा है। हम मेक इन इंडिया की बात कर रहे हैं। ऐसे में अमेरिका जैसे देशों का सहयोग हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ब्रिगेडियर त्रिपाठी ने कहा कि अमेरिका से हमारी बातचीत लगातार चल रही है। उसमें तेजी आए, इसको लेकर राजनाथ सिंह का यह दौरा बेहद ही महत्वपूर्ण हैं। राजनाथ के साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर बात हुई है। इसके साथ-साथ को प्रोडक्शन पर भी जोडर दिया गया है। डिफेंस डील में तेजी लाने की बातचीत हुई है। भारत और अमेरिका स्पेस और इंडस्ट्री में एक साथ काम करने को लेकर तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में इस राजनाथ के दौरे को लेकर भारत को आने वाले दिनों में जबरदस्त फायदा हो सकता है।