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श्रीलंका के तमिल राजनीतिक दल नये संविधान में स्वायत्ता के लिए जोर देंगे

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से वार्ता का न्योता मिलने के बाद तमिल अल्पसंख्यक राजनीतिक दल संघीय व्यवस्था की अपनी मांग, एक तमिल राष्ट्रीय गठबंधन(टीएनए) सहित तीन सूत्री ‘फार्मूला’ का प्रस्ताव रखने के लिए सहमत हो गये हैं। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
द्वीपीय देश के पूर्वी और उत्तरी इलाकों में जनाधार रखने वाले सभी तमिल राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को 89 वर्षीय टीएनए नेता राजावरोतियम सम्पंथन के आवास पर बैठक की।

इसका उद्देश्य देश में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए राजनीतिक स्वायत्ता की मांग के सिलसिले में अगले महीने प्रस्तावित विक्रमसिंघे की सर्वदलीय बैठक में संघीय व्यवस्था पर जोर देना है।
शुक्रवार की बैठक में जो ‘फार्मूला’ तय किया गया, उसमें नये संविधान में तमिल क्षेत्रों का विकेंद्रीकरण करने सहित रूकी पड़ी प्रांतीय परिषद के चुनाव कराना और तमिलों की भूमि कथित तौर पर सरकार द्वारा हड़पने को रोका जाना शामिल है।
टीएनए सूत्र ने बताया कि राजनीतिक दल राष्ट्रपति से मिलने से पहले फिर से बैठक करेंगे।
विक्रमसिंघे ने बुधवार को सभी राजनीतिक दलों को वार्ता के लिए बुलाया था, जिसका उद्देश्य अगले साल चार फरवरी तक तमिल जातीय मुद्दे का समाधान करना है।
विक्रमसिंघे ने संसद में कहा था कि वह 11 दिसंबर के बाद बैठक करने को इच्छुक हैं।

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