बशर अल असद की सत्ता का शासन गिराकर फिलहाल सीरिया का शासन विद्रोहियों ने अपने हाथों में ले रखा है। विद्रोहियों ने बशर शासन में सीरिया की राजधानी दमिश्क के नजदीक स्थित जेल के दरवाजे खोल दिए। इस जेल में हजारों की संख्या में बंद कैदी आजाद हो गए। विद्रोहियों की ओर से सीरिया की जेल में बंद कैदियों की रिहाई के बाद उनके परिवारवालों में आशा की नई उम्मीद जगी है। जेल से रिहा होने के बाद कैदी जेल से भागते हुए नजर आए। दमिश्क के नजदीक इस जेल में लोगों को अपने परिवारवालों को ढूंढ़ने का शोर सुनाई पड़ा, जहां कभी असद शासन में सन्नाटा छाया रहता था। असद शासन के गिरने के बाद जेल के सुरक्षा गार्डों ने अपने पदों को खाली कर दिया। यहां तक की जेल के दरवाजों को भी खुला छोड़ दिया। यही नहीं जेल में बनी भूमिगत सेलों से भी विद्रोहियों ने कैदियों को रिहा करवा दिया।
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सीरियाई जेलों में राजनीतिक कैदियों को काफी यातना दी जाती थी। वहीं सीरिया में फिर से शुरू हुए गृह युद्ध को देखते हुए इजरायल ने इजरायल ने सीरिया से लगने वाली सीमाओं पर भारी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है। बड़े बड़े घातक टैंकों और घातक हथियारों से लैस सैनिक इस तरह तैनात हैं मानों इजरायल की सेना फिर से किसी इलाके में कोई बड़ा ऑपरेशन करने वाली हो। लेकिन ऐसा नहीं है। सीरिया की सीमा के पास गोलान हाइट्स में इजरायल के सैनिक अपनी सीमाओं को मजबूत कर रहे हैं। दरअसल, सीरिया में विद्रोहियों ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है। राष्ट्रपति ने देश छोड़ दिया है।
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वर्ष 2017 में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुमान के अनुसार, उस समय समाज के हर क्षेत्र से 10,000-20,000 लोगों को सैदनया जेल में रखा गया था। रिहा किए गए कैदियों और जेल अधिकारियों की गवाही का हवाला देते हुए एमनेस्टी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान हजारों लोगों को सामूहिक फांसी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, कैदियों को लगातार यातना दी जाती, पीटा जाता, उनसे बलात्कार किया जाता। मानवाधिकार संगठन ने कहा कि तकरीबन हर दिन जेल के सुरक्षा गार्ड जेल कोठरियों से उन कैदियों के शवों को एकत्रित करते जिनकी यातना के कारण मौत हुई थी।