उत्तर कोरिया की ओर से बढ़ते परमाणु खतरों की प्रतिक्रिया में दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान की सेनाओं ने रविवार को अपना पहला त्रिपक्षीय हवाई अभ्यास किया। यह जानकारी दक्षिण कोरिया की वायुसेना ने दी।
दक्षिण कोरिया की वायुसेना ने एक बयान में कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप के पास आयोजित प्रशिक्षण रक्षा सहयोग बढ़ाने और उत्तर कोरिया से खतरों के खिलाफ अपनी संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए तीन देशों के बीच पूर्व में हुए समझौते को लागू करने के लिए था।
बयान में कहा गया है कि इस अभ्यास में अमेरिका का परमाणु हमला करने में सक्षम बी-52 बमवर्षक और दक्षिण कोरिया तथा जापान के लड़ाकू विमान शामिल हुए।
दक्षिण कोरिया और जापान, दोनों एशिया में अमेरिका के प्रमुख सहयोगी हैं, जहां कुल मिलाकर लगभग 80,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। तीनों देशों ने समय-समय पर त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास, जैसे पनडुब्बी रोधी या मिसाइल रक्षा अभ्यास किए हैं, लेकिन रविवार का प्रशिक्षण उनके लिए पहला त्रिपक्षीय हवाई अभ्यास का अवसर था।
दक्षिण कोरिया में, जापान के साथ सैन्य अभ्यास का विस्तार करना एक संवेदनशील मुद्दा है, क्योंकि कई लोगों में अभी भी कोरियाई प्रायद्वीप पर जापान के क्रूर 1910-45 औपनिवेशिक शासन के खिलाफ गहरी नाराजगी है।
उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम ने दक्षिण कोरिया के रूढ़िवादी राष्ट्रपति यूं सुक येओल को जापान के साथ ऐतिहासिक विवादों से आगे बढ़ने और अमेरिका और जापान के साथ त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया है।
रविवार के अभ्यास पर उत्तर कोरिया की ओर से उग्र प्रतिक्रिया हो सकती है, जो दक्षिण कोरिया के साथ अमेरिकी प्रशिक्षण अभ्यासों पर लंबे समय से भड़का हुआ है। उत्तर कोरिया इन अभ्यासों को आक्रमण का पूर्वाभ्यास कहता है और मिसाइल परीक्षणों के साथ जवाब देता है।
उत्तर कोरिया ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं पर कोरियाई प्रायद्वीप पर परमाणु युद्ध भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कैंप डेविड समझौते की आलोचना की।