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मुश्किल में काम आने वाला ही सच्चा दोस्त होता है, भूकंप से तबाही के बाद मदद पर तुर्की ने इस अंदाज में भारत का शुक्रिया अदा किया

करीब सौ साल बाद तुर्की में तबाही मची है। वो भी ऐसी जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। भूीकंप के झटकों से तुर्की और सीरिया का जर्रा-जर्रा कांप उठा। मुश्किल के इस घड़ी में दुनिया के कई देशों ने तुर्की को मदद का भरोसा दिया है। इस बीच भारत ने तुर्की की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत ने तुर्की में भूकंप से लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की एक टीम को रवाना किया गया है। इस टीम में विशेष रूप से ट्रेनिंग हासिल करने वाले अधिकारी और जवान शामिल हैं। एनडीआरएफ के 101 रेक्यूयर्स ऑपरेशन को कंडक्ट करेंगे। वहीं 24 घंटे के अंदर एक बाद एक चार भूकंप के झटके झेल रहे तुर्की को भारत द्वारा राहत प्रदान करने वाला कदम इतना भाया कि उसने उसे सच्चा दोस्त करार दिया। 

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भारत में तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने नई दिल्ली को धन्यवाद दिया और कहा, “ज़रूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है। ट्विटर पर फिरात सुनेल ने कहा, तुर्की और हिंदी में एक आम शब्द “दोस्त” है … हमारे पास एक तुर्की कहावत है: “दोस्त करा गुंडे बेली ओलुर” (ज़रूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है)। बहुत बहुत धन्यवाद भारत। इससे पहले, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री (MoS) वी मुरलीधरन ने तुर्की के दूतावास का दौरा किया और शोक व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहानुभूति और मानवीय समर्थन से भी अवगत कराया।

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प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि एक बैठक आयोजित की गई थी और यह निर्णय लिया गया था कि राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफ और मेडिकल टीमों के खोज और बचाव दलों को तुर्की गणराज्य की सरकार के साथ समन्वय में तुरंत भेजा जाएगा। पीएमओ ने एक बयान में कहा, राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों को शामिल करते हुए, खोज और बचाव कार्यों के लिए भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। 

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