Breaking News

Prabhasakshi Exclusive: Russia-Ukraine के बीच चल रहा युद्ध Robot War में बदला, बम-बारूद नहीं अब तकनीक का हो रहा उपयोग

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) जी से जानना चाहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होने के आसार नजर नहीं आ रहे। खबरें हैं कि अब यूक्रेन एआई की मदद लेकर रूस को नुकसान पहुँचाने का प्रयास करेगा, इसे कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस समय कई यूक्रेनी कंपनियां एआई के माध्यम से अपनी सेना की मदद कर रही हैं ताकि रूस को परास्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर दुश्मन को मात देने का दबाव बढ़ता जा रहा है क्योंकि बहुत से देश अब मदद देते देते थक गये हैं। उन्होंने कहा कि इस समय यूक्रेन तकनीकी हथियारों की सिलिकॉन वैली बन चुका है। उन्होंने कहा कि यहां कंपनियां ऐसी तकनीक ला रही हैं जो मानव की सोच के मुताबिक लक्ष्य पर सटीक निशाना साधती है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि युद्ध के इस तीसरे साल में दोनों देशों में यह स्थिति है कि सैनिकों की कमी पड़ रही है और जो सैनिक मैदान में डटे हुए हैं वह थक चुके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में यूक्रेन ने तकनीक को हथियार बनाकर रूस पर निशाना साधना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि ऑफ-द-शेल्फ डिवाइस, डिजाइन करने में आसान सॉफ्टवेयर, शक्तिशाली ऑटोमेशन एल्गोरिदम और विशेष कृत्रिम बुद्धिमत्ता माइक्रोचिप्स की व्यापक उपलब्धता ने आधुनिक हथियारों की इस दौड़ को तेज कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब घातक जवानों की बजाय हत्यारे रोबोट पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन और अन्य मशीनों को स्वायत्त रूप से कार्य करने की अनुमति देने वाली तकनीक का सबसे उन्नत संस्करण डीप लर्निंग द्वारा संभव बनाया गया है, जो कि एआई का एक रूप है और यह पैटर्न की पहचान करने और निर्णय लेने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा का उपयोग करता है। उन्होंने कहा कि डीप लर्निंग ने कई तरह के ड्रोन बनाने में मदद की है।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Turkey-Syria Border पर तनाव क्यों देखा जा रहा है? क्यों एक दूसरे के खून के प्यासे हो रहे हैं लोग?

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि कीव में लंबी दूरी के ड्रोन बनाये जा रहे हैं जो स्वचालित सिस्टम का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि यह ड्रोन वास्तविक समय के वीडियो भेजता है। उन्होंने कहा कि आज ऐसी स्थिति उभर रही है कि तकनीक के माध्यम से ड्रोनों का झुंड स्वतः ही दुश्मन पर एक साथ हमला बोल सकता है और वह दिन भी दूर नहीं है जब कंप्यूटर विज़न वाली मशीन गन स्वचालित रूप से सैनिकों को मार गिराएंगी। उन्होंने कहा कि ये तकनीक रूस के खिलाफ़ यूक्रेन को बढ़त प्रदान कर सकती है पर मानवाधिकार समूह और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी इस डर से इसके उपयोग को सीमित करना चाहते हैं क्योंकि इससे हथियारों की एक ऐसी नई दौड़ शुरू हो सकती है जोकि किसी के नियंत्रण में नहीं रहेगी।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जैसे-जैसे रूस के खिलाफ युद्ध लंबा खिंच रहा है, यूक्रेन अत्याधुनिक युद्ध के लिए एक परीक्षण स्थल के रूप में उभर रहा है, जिसमें ड्रोन और अन्य वाहन शामिल हैं जो अपने मिशन के कुछ हिस्सों को अपने दम पर पूरा करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि एआई-संचालित ड्रोन कुछ ही सेकंड में वह कर सकते हैं जो एक इंसान को कई घंटों में करना होगा। उन्होंने कहा कि वैसे भी फरवरी 2022 में रूसी टैंकों के यूक्रेनी सीमाओं पर आने के समय से ही प्रौद्योगिकी यूक्रेन की लड़ाई की धुरी रही है। उन्होंने कहा कि वैसे यूक्रेन के साधारण ड्रोनों को रोकने के लए रूस ने भी पूरा इंतजाम कर रखा है। उन्होंने कहा कि रूस में फ्रंट लाइन पर हर 10 किलोमीटर पर जैमिंग स्टेशन हैं, इसलिए यूक्रेन को एआई की मदद लेने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि रूस पर बढ़त बनाने की कोशिश में लगे यूक्रेन ने स्थानीय और पश्चिमी कंपनियों के साथ मिलकर जवाबी उपाय विकसित करने और उनका परीक्षण करने तथा उन्हें युद्ध के मैदान में उतारने पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है।

Loading

Back
Messenger