प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी से जानना चाहा कि पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी से जो हालात उपजे हैं उस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को दो सप्ताह के लिए जमानत प्रदान कर दी। इसके अलावा भी उन्हें कई मामलों में जमानत मिल गयी है लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान सरकार उनको जेल के अंदर रखने पर अड़ी हुई है वह दर्शाता है कि पाकिस्तान अराजकता की ओर बढ़ रहा है। शहबाज शरीफ सरकार के चलते ही पाकिस्तान में इमरान खान की लोकप्रियता भी बढ़ती जा रही है। अर्द्धसैनिक रेंजर्स द्वारा इमरान खान की गिरफ्तारी किए जाने के बाद पूरे पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसके चलते इस्लामाबाद के साथ ही पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सेना तैनात करनी पड़ी। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज खान इमरान खान और उनकी पार्टी को ‘झूठा’ करार दे रहे हैं और उन पर नकदी संकट से गुजर रहे देश को ‘विनाश’ की ओर धकेलने का आरोप लगा रहे हैं।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि पाकिस्तान में अब लड़ाई सियासी नहीं रही है बल्कि इसमें सेना भी कूद पड़ी है। इमरान खान और शहबाज शरीफ की पार्टियों के समर्थक ही सरकार पर आपस में नहीं भिड़े हुए हैं बल्कि सेना ने भी इमरान समर्थकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिस तरह से लोग एक दूसरे से भिड़ रहे हैं, सेना के अधिकारियों के घरों में लूटपाट और तोड़फोड़ हो रही है, मॉल और बाजार लूटे जा रहे हैं, विपक्षी नेता गिरफ्तार किये जा रहे हैं उस सबसे प्रदर्शित हो रहा है कि पाकिस्तान अब अराजक स्थिति में पहुँच चुका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के घर में तोड़फोड़ और आगजनी से यह सवाल भी खड़ा होता है कि जब प्रधानमंत्री का ही घर सुरक्षित नहीं है तो बाकी देश का क्या हाल होगा? इस सबके बीच दुनिया भर के देश पाकिस्तान के हालात पर नजर बनाये हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देश में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर अधिकारियों से उचित प्रक्रिया का सम्मान करने और सभी पक्षों से हिंसा से परहेज करने का आह्वान किया। बताया यह भी जा रहा है कि पाकिस्तान में बिगड़े हालात को देखते हुए पाकिस्तान तहरीक ए तालिबान आतंकी हमलों की संख्या बढ़ाने और सत्ता प्रतिष्ठान पर कब्जा करने की योजना बना रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जैसे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुआ क्या उसी तरह पाकिस्तान की सत्ता पर भी तालिबान हावी हो जायेगा?
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ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि दूसरी ओर, पाकिस्तान में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 300 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार है जब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्थानीय मुद्रा इतने निचले स्तर पर पहुंची है। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न राजनीतिक अशांति के बीच रुपया अबतक के निचले स्तर पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि देश में अराजक स्थिति के बीच मुद्रा बाजार के साथ-साथ कराची शेयर बाजार में भी गिरावट देखने को मिली। पाकिस्तान फॉरेक्स एक्सचेंज एसोसिएशन ने कहा कि यह पहली बार है, जब पाकिस्तानी मुद्रा 300 रुपये प्रति डॉलर को पार कर गयी है। यह बताता है कि हिंसक विरोध प्रदर्शनों का अर्थव्यवस्था पर कितना प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।