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अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में मोदी के संबोधन के बीच गूंजी तालियों की गड़गड़ाहट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) के विशाल ‘प्रतिनिधि सभा चैंबर’ में अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। लगभग एक घंटे लंबे संबोधन के दौरान अमेरिकी सांसदों ने कई बार अपनी सीट से उठकर तालियां बजाईं। वहीं, भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों ने ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाए।
मोदी बृहस्पतिवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को दो बार संबोधित करने वाले पहले भारतीय नेता बन गए। उन्होंने पहली बार 2016 में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था।
प्रतिनिधि सभा के चैंबर में प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत हुआ और जब वह अपना संबोधन देने के लिए मंच की तरफ बढ़े, तब सांसदों ने खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका अभिनंदन किया।

इस दौरान, चैंबर की अतिथि दीर्घा में बैठे भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाए।
अपना संबोधन शुरू करने से पहले मोदी ने दीर्घा में मौजूद प्रवासी भारतीयों की ओर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। मोदी के संबोधन पर अमेरिकी सांसदों ने लगभग 15 बार खड़े होकर तालियां बजाईं।
संबोधन के दौरान प्रवासी भारतीयों ने कई मौकों पर ‘मोदी, मोदी’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कुछ सदस्य पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने हुए थे।
अपने संबोधन के दौरान मोदी ने कहा, ‘‘अमेरिका में लाखों लोग हैं, जिनकी जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं।उनमें से कुछ लोग गर्व के साथ इस कक्ष में बैठते हैं। और एक तो यहां मेरे पीछे हैं, जिन्होंने इतिहास रचा है।’’
मोदी उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनी जाने वाली पहली अश्वेत, दक्षिण एशियाई महिला कमला हैरिस का जिक्र कर रहे थे।

कमला की मां श्यामला गोपालन चेन्नई से ताल्लुक रखती थीं। वह स्तन कैंसर पर अनुसंधान के लिए जानी जाती थीं।
जैसे ही मोदी ने यह टिप्पणी की, प्रतिनिधि सभा की पूर्व अध्यक्ष नैंसी पेलोसी मुस्कुराईं और अपने सामने दीर्घा में बैठे भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना व राजा कृष्णमूर्ति की तरफ देखते हुए तालियां बजाईं और उनका आभार व्यक्त किया।
मोदी के संबोधन के अंत में भी सांसदों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने अपनी सीट पर खड़े होकर तालियां बजाईं।
जैसे ही मोदी कक्ष से बाहर निकलने लगे, कई सांसद उनके आसपास जमा हो गए, उनसे हाथ मिलाया, उन्हें बधाई दी और उनके भाषण की विशेष प्रतियों पर उनके हस्ताक्षर लिए, जो उपस्थित लोगों को वितरित की गई थीं।

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