अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने उनके आवास और पूर्व कार्यालय में गोपनीय दस्तावेज तथा आधिकारिक रिकॉर्ड पाए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ‘‘वहां कुछ नहीं है।’’
बाइडन ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने पाया कि बड़ी संख्या में दस्तावेज गलत जगह पर हैं, तो हमने उन्हें तत्काल न्याय मंत्रालय को सौंप दिया।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह से सहयोग कर रहा हूं और विवाद के जल्द सुलझ जाने को लेकर आश्वस्त हूं। मेरा मानना है कि आप पाएंगे कि वहां कुछ नहीं है।’’
गौरतलब है कि राष्ट्रपति कार्यालय ने खुलासा किया था कि बाइडन के वकीलों को हाल के महीनों में चार बार गोपनीय दस्तावेज और आधिकारिक रिकॉर्ड मिले हैं। ये दस्तावेज दो नवंबर को वाशिंगटन के पेन बाइडन सेंटर में, आगे की तलाश में 20 दिसंबर को डेलवेयर के वेल्मिंगटन में राष्ट्रपति के आवास के गैराज में तथा 11 और 12 जनवरी को राष्ट्रपति के आवास के पुस्तकालय में पाए गए थे।
अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने मैरीलैंड के पूर्व अमेरिकी अटॉर्नी रॉबर्ट हर को दस्तावेज मामले में न्याय मंत्रालय की जांच की निगरानी के लिए पिछले सप्ताह विशेष वकील नियुक्त किया था।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इससे मैं परेशान हो जाता हूं।’’
उन्होंने कहा यहां कैलिफोर्निया में ‘‘हमारे पास और भी गंभीर समस्याएं हैं और आप मुझसे उस बारे में सवाल क्यों नहीं पूछते।’’
माना जा रहा है कि बाइडन के सहयोगियों को जो गोपनीय दस्तावेज मिले हैं, वे संभवतः 2009 से 2016 तक उनके उपराष्ट्रपति रहने के दौरान के हैं।
ओबामा प्रशासन के समय के माने जा रहे इन गोपनीय दस्तावेजों के बाइडन के यहां मिलने से देश में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है और इस घटनाक्रम की तुलना बाइडन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप द्वारा व्हाइट हाउस छोड़ने के दौरान अपने साथ सैकड़ों गोपनीय दस्तावेज लेने जाने के मामले से की जा रही है।
न्याय मंत्रालय का कहना है कि 2021 की शुरुआत में व्हाइट हाउस छोड़ते वक्त बाइडन अपने साथ सैकड़ों गोपनीय दस्तावेज ले गए थे और उन्होंने संबंधित दस्तावेजों को लौटाने के आग्रह की लगातार अनदेखी की थी।