बीते कुछ वर्षों में भारत की इस्लामिक देशों के साथ एक अलग ही केमिस्ट्री देखने को मिल रही है। कई इस्लामिक देश जो एक समय पाकिस्तान के कट्टर दोस्त हुआ करते थे, भारत के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आते थे। वे आज हिंदुस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। इन सब का सबसे बड़ा उदाहरण यूएई के रूप में देखने को मिल रहा है। जम्मू कश्मीर में यूएई एक बहुत बड़ा निवेश करने जा रहा है। दरअसल, यूएई की कंपनी एमार कश्मीर में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर निवेश की तैयारी में है। जैसे ही यूएई की तरफ से ऐलान किया गया पाकिस्तान के पेट में दर्द शुरू हो गया। एक तरफ जम्मू कश्मीर की आवाम जिन्हें पाकिस्तान पिछले 75 सालों से भटका रहा था।
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भारत विरोधी एजेंडा धर्म के नाम पर चला रहा था। लेकिन अब जब यूएई ने भारत का साथ दिया तो पाकिस्तान और पाकिस्तान परस्त के पेट में दर्द शुरू हो गया। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का सबसे अजीज दोस्त अब भारत के साथ खड़ा हो गया। बीते कुछ सालों में पीएम मोदी की नीति और रणनीति के मुरीद बड़े-बड़े मुस्लिम देशों के हैं।
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केंद्र शासित प्रदेश को खुशलाही की ओर कदम बढ़ाते देख पड़ोसी देश पाकिस्तान सदमे में आ गया है। पाकिस्तानी विशेषज्ञ अपनी हुकूमत को नसीहत भी देने लगे हैं। पाकिस्तानी विशेषज्ञ सैयद शब्बर जैदी ने पाकिस्तानी हुकूमत पर हमला बोलते हुए लिखा कि अगर कश्मीरियों ने भारत के साथ रहने का निर्णय लिया है तो उन्हें रहने दीजिए। उन्होंने भारत सरकार की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि पहले तो आर्टिकल 370 का खात्मा किया गया। फिर विशेष दर्जा समाप्त किया गया। भारत सरकार के कदमों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि अब यूएई कश्मीर में निवेश करने जा रहा है। 1947 के बाद पहली बार होगा जब कश्मीर में फॉरेन इनवेस्टमेंट हो रहा है। भारत और विश्व कश्मीर में भारी निवेश करेंगे और करेंगे और उसे एशिया का स्विजरलैंड बना देंगे।