यूरोपीय देश स्वीडन ने सरेआम कुरान जलाने की इजाजत दी। जिसके बाद स्वीडन को सबक सिखाने के लिए 57 मुस्लिम देशों का संगठन ओआईसी कसमें खा रहा था। लेकिन स्वीडन ने सभी मुस्लिम देशों को हरा दिया है। ये तो सभी को पता है कि स्वीडन नाटो का सदस्य बनने के लिए कब से प्रयासरत था। लेकिन नाटो का एक सदस्य देश तुर्की ऐसा होने नहीं दे रहा था। इसी के बाद स्वीडन में तुर्की और इस्लाम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। लेकिन सभी को हैरान करते हुए तुर्की ने नए सदस्य के तौर पर स्वीडन को मंजूरी दे दी है।
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तुर्की हो गया राजी
नाटो में अरसे से एंट्री की कोशिश में लगे स्वीडन के लिए अच्छी खबर है। तुर्किये के राष्ट्रपति अर्दोआन आखिरकार नाटो सदस्यता के लिए स्वीडन के प्रस्ताव को अपने देश की संसद में आगे बढ़ाने पर राज़ी हो गए हैं। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने ट्वीट कर इस फैसले की जानकारी दी। लिथुआनिया के विल्नियस शहर में स्टोल्टनबर्ग की मेजबानी में स्वीडिश पीएम उल्फ क्रिस्टर्सन और अर्दोआन के बीच बैठक हुई। इसी बैठक के बाद तुर्की ने इस फैसले पर हामी भरी।
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यू टर्न लेकर अर्दोआन ने चौंकाया
पिछले कुछ समय से अर्दोआन की अगुवाई में तुर्की मुस्लिम देशों का अगुवा बनने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में स्वीडन की दक्षिणपंथी सरकार को लेकर उसने अपना गुस्सा कई बार ज़ाहिर भी किया। यही वजह है कि पूरे एक साल तक नाटो की एंट्री को लेकर जिद पर अड़ा रहा और वीटो से पीछे नहीं हटा। अब एकाएक पुराने स्टैंड पर यू टर्न लेकर उसने सबको चौंका दिया है। हालांकि कहा जा रहा था कि अमेरिका को मालूम था कि आखिरकार तुर्की मान जाएगा।