फलस्तीन के शरणार्थियों को मानवीय सहायता पहुंचाने के काम में लगी संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा है किहजारों लोग ‘आटा’ और रोजमर्रा की जरूरत की अन्य वस्तुएं लेने के लिए गाजा में राहत सहायता गोदामों पर टूट पड़े।
गाजा में फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के निदेशक थॉमस व्हाइट ने रविवार को कहा कि जिस तरह से लोग गोदामों पर टूट पड़े, यह चिंताजनक है, और संकेत देता है कि इजराइल और हमास के बीच तीन सप्ताह के युद्ध के बाद नागरिक आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त होनी शुरू हो गई है।
हमास द्वारा सात अक्टूबर को इजराइल पर हमला किये जाने के बाद शुरू हुए युद्ध के तीन सप्ताह बाद, इस सप्ताहांत इजराइली टैंक और पैदल सेना ने गाजा में प्रवेश किया। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसी के साथ युद्ध के ‘दूसरे चरण’ की घोषणा कर दी।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि युद्ध में मारे गए फलस्तीनियों की संख्या आठ हजार के पार हो गई है जिनमें अधिकतर महिलाएं और नाबालिग हैं। मंत्रालय के मुताबिक दशकों के इजराइल-फलस्तीन हिंसा में इतनी मौतें पहले नहीं हुई है और ये संख्या और तेजी से बढ़ेगी क्योंकि इजराइली सेना ने जमीनी कार्रवाई शुरू की है।
गाजा में शुक्रवार को हुई अबतक की सबसे भीषण बमबारी के कारण अधिकांश संचार व्यवस्था ठप्प हो गई थी। इसकी वजह से गाजा में रहने वाले 23 लाख लोगों का दुनिया के अन्य हिस्सों से संपर्क कट गया था, लेकिन रविवार तड़के गाजा के अधिकांश हिस्सों में संचार बहाल कर दिया गया।
इजराइली सेना ने रविवार को कहा कि उसने पिछले 24 घंटों में 450 से अधिक आतंकी ठिकानों पर हमले किये हैं, जिनमें हमास का कमान केंद्र, निगरानी चौकियां और टैंक रोधी मिसाइल दागे जाने वाले स्थल शामिल हैं।
सेना ने बताया कि उसने रात में और भी सैनिक गाजा भेजे हैं।
एजेंसी के गाजा में निदेशक थॉमस व्हाइट ने कहा कि लोगों की भीड़ ‘‘तीन सप्ताह से जारी युद्ध और गाजा की कड़ी घेराबंदी के बाद नागरिक आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त होने लगी है। लोग डरे हुए, निराश और हताश हैं।’’
यह एजेंसी गाजा में लाखों लोगों को बुनियादी सेवाएं मुहैया करती है। क्षेत्र में इसके सभी स्कूल भवन संघर्ष से विस्थापित हुए फलस्तीनियों से खचाखच भरे हुए हैं।
यूएनआरडब्ल्यूए ने बताया कि इजराइल ने सीमित मात्रा में राहत सामग्री मिस्र की सीमा के रास्ते गाजा के अंदर जाने देने की अनुमति दी है। कुछ वस्तुएं एक गोदाम में रखी हुई थीं, जहां लोग घुस गए।
एजेंसी की प्रवक्ता जूलियट ताउमा ने कहा कि भीड़ शनिवार को चार गोदामों पर टूट पड़ी।
उन्होंने कहा कि गोदामों में ईंधन नहीं है, जिसकी कमी इजराइली घेराबंदी के बाद पैदा हुई है क्योंकि युद्ध शुरू होने के बाद सभी आपूर्ति काट दी गई है।
इस बीच, गाजा के सबसे बड़े शिफा अस्पताल के पास रहने वाले लोगों ने कहा कि शनिवार रात इजराइल ने अस्पताल के पास हवाई हमले किए, जिससे अस्पताल जाने वाली कई सड़कें बाधित हो गईं। वहीं, इजराइल ने अस्पताल के नीचे हमास का एक गुप्त कमान केंद्र होने का आरोप लगाया है।
शिफा अस्पताल में हजारों लोगों ने शरण ले रखी है और हमले में घायल मरीजों से भी यह खचाखच भरा हुआ है।
अस्पताल में शरण लिए महमूद अल सावाह ने फोन पर बताया, ‘‘अस्पताल पहुंचना लगातार मुश्किल होता जा रहा है।’’
गाजा के अन्य निवासी अब्दल्लाह सैयद ने कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद से गत दो दिन में इजराइली बमबारी ‘अधिक हिंसक और गहन’ है।
फलस्तीन में सेवारत ‘रेड क्रिसेंट रेस्क्यू सर्विस’ ने बताया कि गाजा शहर के एक अन्य अस्पताल को रविवार को इजराइली अधिकारियों से दो फोन आए और उसे खाली करने का आदेश दिया। इसमें कहा गया है कि हवाई हमले अल-कुद्स अस्पताल से करीब 50 मीटर (गज) की दूरी पर हुए हैं, जहां 12,000 लोग शरण लिए हुए हैं।
इजराइल ने एक सप्ताह से अधिक समय पहले अस्पताल को खाली करने का आदेश दिया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने यह कहते हुए इमारत को खाली करने से इनकार कर दिया कि इससे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखे मरीजों की मौत हो सकती है। इजराइली सेना ने हालिया खाली करने के आदेश या शिफा के नजदीक बमबारी को लेकर टिप्पणी नहीं की है।
दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर में रविवार को इजराइल ने हवाई हमले में दो मंजिला एक मकान पर हमला किया जिसमें एक ही परिवार के 10 लोगों सहित कम से कम 13 लोग मारे गए। घटनास्थल पर मौजूद एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकार के अनुसार, शवों को पास के नासिर अस्पताल में लाया गया।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि युद्ध के बाद से गाजा में शनिवार तक करीब आठ हजार फलस्तीनी मारे गए हैं। उसने बताया कि मारे गए लोगों में 3,300 से अधिक नाबालिग और 2,000 से अधिक महिलाएं शामिल हैं।
मंत्रालय ने बताया कि 1,700 और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।