पिछले साल संयुक्त राष्ट्र के लिए सेवाएं देते हुए अपनी जान गंवाने वाले तीन भारतीय शांति सैनिक उन 103 सैन्य, पुलिस और नागरिक शांति सैनिकों में शामिल हैं, जिन्हें उनकी सेवा और कर्तव्य के दौरान सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत प्रतिष्ठित पदक से सम्मानित किया जाएगा।
तीन भारतीयों में सीमा सुरक्षा बल के हेड कांस्टेबल शिशुपाल सिंह और सांवला राम विश्नोई शामिल हैं, जिन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संगठन स्थिरीकरण मिशन के साथ काम किया, वहीं शाबिर ताहिर अली इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के साथ बतौर नागरिक कार्यरत थे।
इन्हें 25 मई को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित समारोह में मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा।
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षण में वर्दीधारी कर्मियों के रूप में तीसरा सबसे बड़ा योगदान भारत का है। जिनमें 6,000 से अधिक सैन्य और पुलिसकर्मियों को अबेई, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, साइप्रस, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, लेबनान, मध्य पूर्व और पश्चिमी सहारा में तैनात किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों के अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए असाधारण योगदान का सम्मान करने संबंधी अपने संदेश में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक एक अधिक शांतिपूर्ण दुनिया के लिए हमारी प्रतिबद्धता के धड़कते हुए दिल हैं।
उन्होंने 75 वर्षों से दुनिया भर में संघर्ष और उथल-पुथल से प्रभावित लोगों और समुदायों का समर्थन किया है।”
शांति अभियानों के लिए अवर महासचिव ज्यां-पियरे लेक्रोइक्स ने कहा कि शांतिरक्षण इस बात का प्रभावशाली उदाहरण है कि मजबूत साझेदारियां और सामूहिक राजनीतिक इच्छाशक्ति किस तरह सार्थक बदलाव ला सकते हैं।
पिछले साल जुलाई में उत्तरी किवु में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (मोनुस्को) में संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन पर हमले में सिंह और विश्नोई तथा मोरक्को के एक शांतिरक्षक की मौत हो गई थी।