Breaking News

तोशाखाना मामला : दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली इमरान खान की याचिका पर मंगलवार को फैसला

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तीन साल की जेल की सजा स्थगित करने का अनुरोध करने वाली उनकी याचिका पर वह मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगा।
खान को एक सत्र अदालत ने यह सजा सुनाई थी।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारुक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंडपीठ ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
पीठ ने बाद में कहा कि फैसला मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे सुनाया जाएगा।
इससे पहले दिन में, उच्च न्यायालय ने उस अपील की सुनवाई फिर से शुरू की, जो उसने 22 अगस्त से सुननी शुरू की थी।

इसने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अमजद परवेज के बीमार होने की वजह से अदालत में पेश नहीं हो पाने के बाद शुक्रवार को सुनवाई स्थगित कर दी थी।
खान के वकील लतीफ खोसा ने उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी बहस बृहस्पतिवार को पूरी कर ली थी और जोर देकर कहा था कि यह फैसला बहुत जल्दबाजी में दिया गया और खामियों से भरा हुआ है।
उन्होंने अदालत से फैसले को रद्द करने का आग्रह किया था, लेकिन बचाव पक्ष ने अपनी बहस को पूरी करने के लिए और समय दिए जाने की मांग की थी।
कई लोगों का मानना है कि खान (70) को दोषी ठहराने वाले फैसले में उच्चतम न्यायालय द्वारा खामियों को सामने लाये जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के पक्ष में फैसला आ सकता है।
इस बीच, जियो न्यूज की एक खबर के अनुसार, बलूचिस्तान उच्च न्यायालय ने खान के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी रद्द कर दी।

एक भाषण के दौरान सरकारी संस्थानों और उनके अधिकारियों के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर यह मामला दर्ज किया गया था।
बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नईम अख्तर अफगान और न्यायमूर्ति गुल हसन तरीन की सदस्यता वाली दो सदस्यीय पीठ ने इंसाफ लॉयर्स फोरम के इकबाल शाह द्वारा दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया।
उच्च न्यायालय ने न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वार खान के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट भी खारिज कर दिया।
डॉन समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, निर्वाचन आयोग के वकील अमजद परवेज ने उच्च न्यायालय से मामले में सरकार को प्रतिवादी बनाने के लिए नोटिस जारी करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि कानून ने इसे आवश्यक बना दिया है।
परवेज ने जब अपनी दलील समाप्त की तब खान के वकील खोसा ने कहा कि उन्हें सरकार को नोटिस जारी करने की आयोग की याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है।
इसके बाद अदालत ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
इस्लामाबाद की एक निचली अदालत ने पांच अगस्त को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष खान को दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी।
खान को 2018 से 2022 के उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले राजकीय उपहारों को अवैध रूप से बेचने के आरोप में सजा सुनाई गई थी। उनके आगामी चुनाव लड़ने पर रोक लगाते हुए उन्हें पांच वर्ष के लिए राजनीति में हिस्सा लेने से भी प्रतिबंधित किया गया था।

Loading

Back
Messenger