एक साल पहले नैरोबी में पाकिस्तानी पत्रकार की हत्या में संलिप्तता के आरोप में केन्या की विशिष्ट पुलिस इकाई पर मंगलवार को मुकदमा शुरू किया गया। यह मामला दिवंगत पत्रकार की पत्नी और केन्या के दो पत्रकार संघों द्वारा संयुक्त रूप से दायर किया गया है।
अरशद शरीफ (50) की 23 अक्टूबर, 2022 को हत्या कर दी गई थी। घटना के समय कार में अरशद के साथ एक अन्य पाकिस्तानी व्यक्ति सवार थे। तेज रफ्तार से उनकी कार केन्या की राजधानी के बाहर जांच चौकी से होकर गुजरी, इसी दौरान पुलिस ने गोलियां चला दीं।
उस समय नैरोबी पुलिस ने गोलीबारी पर खेद व्यक्त करते हुए कहा था कि यह एक बच्चे के अपहरण मामले में शामिल इसी तरह की एक अन्य कार की तलाश के दौरान ‘‘गलत पहचान’’ का मामला था।
पाकिस्तान की राष्ट्रीय संस्थाओं को बदनाम करने के आरोप में देश में गिरफ्तारी से बचने के लिए उस साल की शुरुआत में अशरफ पाकिस्तान छोड़ गए थे। केन्या पहुंचने से पहले वह कुछ समय के लिए दुबई, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन में ठहरे थे।
पाकिस्तानी जांच अधिकारियों की एक टीम ने कहा था कि अशरफ की हत्या साजिश का मामला थी। अशरफ की पत्नी जवेरिया सिद्दीकी ने गोलीबारी में शामिल केन्या पुलिस की इकाई जनरल सर्विस यूनिट (जीएसयू) के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
केन्या पुलिस ने दावा किया कि अशरफ नैरोबी के बाहरी इलाके में जांच चौकी पर नहीं रूके थे, लेकिन उनके परिवार और पाकिस्तानी जांचकर्ताओं ने असहमति जताते हुए कहा कि अशरफ की हत्या की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी।
एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के साथ फोन पर साक्षात्कार में सिद्दीकी ने पूर्व में कहा था, ‘‘मैं जीएसयू पर मुकदमा कर रही हूं क्योंकि उसने सरेआम अपराध किया है। मेरे लिए, यह एक लक्षित हत्या थी क्योंकि वह (अशरफ) पाकिस्तान में धमकियां मिलने के बाद केन्या में छिपकर रह रहे थे।’’
इस मामले की सुनवाई नैरोबी के बाहरी इलाके काजियाडो उच्च न्यायालय में हो रही है और सिद्दीकी के साथ, केन्या यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और केन्या कॉरेस्पॉन्डेंट को संयुक्त याचिकाकर्ताओं के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में दी गई दलील में केन्या के अधिकारियों पर ‘‘अरशद की हत्या में शामिल अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है और ‘‘अशरफ के परिवार से सार्वजनिक माफी’’ की मांग की गई है।