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भारत सरकार गलत हैं…सिख चरमपंथ पर नरम रुख को लेकर किए गए सवाल पर पीएम ट्रूडो ने दिया जवाब

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि वह कनाडा की धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद पर नरम नहीं हैं और उनकी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है और आगे भी करती रहेगी। उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया कि वह आतंकवादी तत्वों के प्रति नरम हैं। ट्रूडो ने कहा कि वे गलत हैं। कनाडा ने हिंसा और हिंसा की धमकियों को बेहद गंभीरता से लिया है। हमने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है और हमेशा करते रहेंगे। जून में खालिस्तान रैली निकाली गई थी जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाती एक झांकी दिखाई गई थी। जिसको लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए ट्रूडो ने पर अपनी देते हुए कहा कि भारत सरकार गलत है। 

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ट्रूडो ने आगे कहा कि हम एक विविधतापूर्ण देश हैं और (हमारे पास) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन हम हमेशा यह सुनिश्चित करेंगे कि हम हिंसा और उग्रवाद के सभी रूपों का मुकाबला कर सकें। भारत द्वारा कनाडा के दूत को तलब करने और कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर डिमार्शे जारी करने के बाद ट्रूडो खुद को मुश्किल स्थिति में पा रहे हैं। उच्चायुक्त को सोमवार को विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और उन्हें डिमार्शे जारी किया गया।

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भारत ने कनाडा के अधिकारियों से 8 जुलाई को कनाडा में भारतीय मिशनों के बाहर खालिस्तान समर्थक समूहों द्वारा नियोजित विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर उचित कदम उठाने के लिए भी कहा है। राजनयिक भाषा में, डिमार्शे का तात्पर्य सरकार की स्थिति, विचारों या इच्छाओं के आधिकारिक संचार से है। किसी विशिष्ट विषय पर किसी अन्य सरकार के उपयुक्त अधिकारियों के समक्ष। पिछले कुछ महीनों में कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों से जुड़ी कम से कम तीन बड़ी भारत विरोधी घटनाएं सामने आईं, जिससे संकेत मिलता है कि चरमपंथी-अलगाववादी आंदोलन को उत्तरी अमेरिकी देश में समर्थन मिल रहा है।

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