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US Presidential Election: ट्रंप..अमेरिका..मुसलमान! समझें पूरा गणित, कैसे स्विंग स्टेट्स में बिगड़ा कमला का खेल

पिछले बार स्विंग स्टेट्स में 6-1 का नतीजा आया था और यही वजह था कि जो बाइडेन अमेरिकी राष्ट्रपति बने थे। अमेरिका में स्विंग स्टेट्स को ही बैटल ग्राउंड स्टेट माना जाता है। रेड नेक एरिया और ब्लू स्टेट में कोई ज्यादा अंतर नहीं नजर आ रहा है। मिशिगन में ट्रंप का लीड करना बिल्कुल मुकाबले को एकतरफा कर देता है। ट्रंप के फेवर में नवाडा जैसे स्टेट उनकी क्लियर विक्ट्री को दर्शाता है। अगर सारे ब्लू स्टेट कमला हैरिस के पास जाते हैं तो ये आंकड़ा 241 के करीब जाएगा और ट्रंप को जब स्विंग स्टेट मिलता है तो वो उनके जीत का मार्ग प्रश्सत करने के लिए काफी है। स्विंग स्टेट्स कमला हैरिस के फेवर में नहीं जा रहा है। स्विंग स्टेट्स यानी नॉर्थ कैरोलिना, जॉर्जिया में ट्रंप की जीत हुई वहीं विस्कॉन्सिन, नेवादा, पेंसिल्वेनिया, एरिजोना में आगे चल रहे हैं। मिशिगन में कमला हैरिस आगे चल रही हैं। 

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मुस्लिम वोट बैंक, गैर कानूनी प्नवासी और लातिनो वोट वो देख रहा है कि गैर कानूनी रूप से प्रवासियों का आगमन हो रहा है। उसके लिए कोई रूल नहीं है। कोई भी मेहनत से नहीं आ रहा है और लातिनों का नाम खराब कर रहा है। उनकी नौकरियां ले रहे हैं। इसका इफेक्ट वोटिंग में दिखा है। लातिनो वोट वो ट्रंप को मिल रहा है। इमीग्रेशन पॉलिसी अमेरिका चुनाव में बड़ा मुद्दा रहा है। इसे लेकर जो ट्रंप की नीति है उसे लेकर उनके समर्थक तमाम भारतीय भी हैं। अपने पहले कार्यकाल की तरह ट्रंप ने इस बार भी इमीग्रेशन पॉलिसी के  मुद्दे पर बाइडेन सरकार को घेरा है। साथ ही ये भी कहा है कि इस बार राष्ट्रपति बनने पर सभी अवैध प्रवासियों को निकाल देंगे। यही नहीं डोनाल्ड ट्रंप बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ मुखर रहे हैं। 

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बता दें कि कमला हैरिस ने ट्रंप प्रशासन की कई आव्रजन नीतियों की निंदा की थी, लेकिन राष्ट्रपति जो बाइडेन के कुछ फैसलों का समर्थन किया है, जैसे कि शरणार्थियों पर प्रतिबंध। डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए व्यापक अप्रवासी विरोधी नीतियां लागू कीं, जिसमें अप्रवासी बच्चों को उनके माता-पिता से अलग करना भी शामिल है। यदि वह फिर से चुने जाते हैं, तो वे लाखों अवैध अप्रवासियों को पकड़कर उन्हें शिविरों में बंद करके सामूहिक रूप से निर्वासित करना चाहते हैं। 

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