रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप ने कहा कि ये खूनी संघर्ष बंद होना चाहिए। मैंने पुतिन और जेलेंस्की से बात की है। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा है कि मोदी ज्यादा अच्छा समझौता करवा सकते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच बीते तीन साल से एक बड़ी जंग चल रही है। ट्रंप ने इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात करने के बाद कहा था कि मैं और पुतिन जल्दी सऊदी अरब में मिलने वाले लेकिन जब ट्रम्प से पूछा गया कि क्या यूक्रेन भी जाएंगे तो कहा कि अभी ऐसा कोई प्लान नहीं है। अब जंग रुकवाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से मदद मांगी है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन और रूस के बीचजारी युद्ध समाप्त कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया तथा इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं खोजा जा सकता तथा शांति के लिए वार्ता और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है।
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ट्रंप के साथ बातचीत के बाद मोदी ने कहा कि भारत युद्ध के मामले में तटस्थ नहीं रहा है और वह शांति का पक्षधर है। ट्रंप के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा कि मैं हमेशा रूस और यूक्रेन के साथ निकट संपर्क में रहा हूं। मैंने दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात की है। दुनिया को यही लगता है कि भारत तटस्थ है लेकिन मैं दोहराना चाहता हूं कि भारत तटस्थ नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि वास्तव में भारत शांति के पक्ष में रहा है। उन्होंने कहा कि मैं युद्ध को समाप्त करने के लिए संभावित समाधान खोजने की दिशा में डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों का समर्थन करता हूं। मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दिए अपने संदेश का जिक्र किया जिसमें उन्होंने पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैं राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मैंने यहां तक कहा था कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है। मैंने यह भी कहा था कि युद्ध के मैदान में समाधान नहीं मिल सकते। समाधान तभी मिल सकते हैं जब सभी पक्ष बातचीत की मेज पर आएं।
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उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि युद्ध का हल तभी निकल सकता है जब इस मुद्दे पर ऐसे मंच पर चर्चा की जाए जहां दोनों देश (रूस और यूक्रेन) मौजूद हों। ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने पुतिन के साथ लंबी और सार्थक बातचीत की और वह युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत की दिशा में आगे बढ़ने पर सहमत हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां तक कहा कि वह और पुतिन अपनी-अपनी टीम द्वारा तुरंत बातचीत शुरू किए जाने पर सहमत हुए।