Breaking News

मोदी का नाम लेकर ट्रंप की इंटेलिजेंस डायरेक्टर ने ऐसा क्या बोला? सवालों के बौछार पर तुलसी का अंदाज देख हैरान रह गया पूरा सीनेट

ट्रंप सरकार में काश पटेल और तुलसी गैबार्ड को अहम जिम्मेदारी दी गई है। ट्रंप ने काश पटेल को एफबीआई चीफ के पद के लिए नॉमिनेट किया है। वहीं तुलसी गबार्ड को यूएस नेशनल इंटेलिजेंस का निदेशक नामित किया है। दोनों सीनेट के सामने पेश होना पड़ा। तुलसी गैबार्ड और काश पटेल ट्रंप की सरकार में दो हिंदू धर्म के ऑफीसर से इतने मुश्किल सवाल पूछे गए कि खुलकर तुलसी गैबार्ड और काश पटेल ने बताया कि अमेरिका में उन्हें क्या क्या झेलना पड़ा। तुलसी गैबार्ड ने तो यहां तक कह दिया कि मुझको बोला जाता है कि व्लादिमीर पुतिन की और मोदी की कठपुतली हूं। ट्रंप के लिए काम करती थी मैं पहले। लेकिन मैं यहां पर बताना चाहती हूं कि मैं किसी की कठपुतली नहीं हूं। वो लोग जो ऐसा कहते या सोचते हैं उन्हें बस इस बात का गुस्सा है कि मैं डैमोक्रेट पार्टी की कठपुतली नहीं हूं। ट्रंप, मोदी, पुतिन पपेट वाली गैबार्ड की लाइन दुनियाभर में वायरल हो चुकी है। 

इसे भी पढ़ें: Trump ने ब्रिक्स देशों को अमेरिकी डॉलर की जगह किसी और मुद्रा के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी

उन्होंने साफ कहा है कि मुझपर ये आरोप लगाते आए हैं और आगे भी लगाएंगे कि मैं ट्रंप, मोदी, पुतिन की पपेट हूं। लेकिन सच्चाई ये है कि उन्हें इस बात का गुस्सा है कि मैं बस उनकी कठपुतली नहीं हूं। इसी तरह के आरोप ट्रंप पर लगाए गए थे। ऐसे ही आरोप मुझपर भी लगाए जाएंगे। डेमोक्रेटिक सीनेटर माइकल बेनेट ने उनसे कई बार पूछा कि क्या वह स्नोडेन को गद्दार मानती हैं। पूर्व कांग्रेसवुमन ने ऐसा कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्नोडेन ने कानून तोड़ा और वह उनके कार्यों से सहमत नहीं हैं।

इसे भी पढ़ें: Jaishankar ने ट्रंप को क्यों बताया आउट ऑफ सिलेबस? भारत के दोस्त हैं या दुश्मन आसान भाषा में समझा दिया

असद के साथ गबार्ड की 2017 यात्रा पर एक स्पॉटलाइट 
गबार्ड को 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल-असद से मिलने के लिए सीरिया की यात्रा के लिए भी जांच का सामना करना पड़ा था। यह यात्रा तब हुई जब अमेरिकी सरकार ने असद से अपने नागरिकों के खिलाफ रासायनिक हथियारों सहित सरकार के हमलों के कारण पद छोड़ने की मांग की। उनकी यात्रा की उस समय सदन के दोनों ओर के सांसदों ने आलोचना की। सुनवाई में गबार्ड ने सांसदों से कहा कि उन्होंने असद से उनके अपने शासन के कार्यों के बारे में कठिन सवाल पूछे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि मुझे असद या गद्दाफी या किसी तानाशाह से कोई खास लगाव नहीं है। गबार्ड ने कहा कि उन्होंने दिसंबर में जब सशस्त्र विद्रोहियों ने सीरियाई शहर दमिश्क पर कब्जा कर लिया था तो असद शासन के पतन के लिए कोई आंसू नहीं बहाए थे। लेकिन आज हमारे पास एक इस्लामी चरमपंथी है जो अब सीरिया का प्रभारी है।

Loading

Back
Messenger