7.8 तीव्रता के एक बड़े भूकंप के बाद बैक टू बैक तीन और शक्तिशाली भूकंप के झटकों ने तुर्की और सीरिया के व्यापक क्षेत्रों को तबाह कर दिया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप 18 किलोमीटर की गहराई में आया और सीरिया की उत्तरी सीमा के पास दक्षिणी तुर्की में इसका केंद्र था। सोमवार को 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन भूकंप आने के बाद मंगलवार को मध्य तुर्की में 5.9 तीव्रता का एक और भूकंप आया। भारत सहित दर्जनों देशों ने सहायता का वादा किया है। सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,451 हो गई है। व्हाइट हेल्मेट्स द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 1,451 में से जिनकी मृत्यु की पुष्टि की गई है, उनमें से 740 विपक्षी-नियंत्रित क्षेत्रों में बताए गए थे। शेष 711 को शासन-नियंत्रित क्षेत्रों में शासन मीडिया द्वारा रिपोर्ट किया गया था।
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एनडीआरएफ की टीम तुर्की रवाना
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तलाश एवं बचाव दल और विशेष रूप से प्रशिक्षित खोजी कुत्तों के दस्ते के साथ भारत की मानवीय सहायता और आपदा राहत सामग्री का पहला जत्था तुर्किये रवाना किया गया। प्रशिक्षित चिकित्सकों और पैरामेडिक का एक दल भी आवश्यक दवाओं के साथ तुर्किये भेजे जाएगा। इस टीम में विशेष रूप से ट्रेनिंग हासिल करने वाले अधिकारी और जवान शामिल हैं। एनडीआरएफ के 101 रेक्यूयर्स ऑपरेशन को कंडक्ट करेंगे।
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2 टीमों को वहां भेजने का लिया फैसला
एनडीआरएफ खोज और बचाव दल, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा आपूर्ति, ड्रिलिंग मशीन और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ भूकंप राहत सामग्री का पहला बैच भारत से तुर्की भेजा गया है। मामले में एनडीआरएफ गाजियाबाद के डीआईजी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तुर्की और सीरिया में भूकंप से हुए भयानक हादसे को देखते हुए भारत सरकार ने एनडीआरएफ की 2 टीमों को वहां भेजने का फैसला किया है।