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Sukhdool Singh की मौत से Canada की राजनीति गर्माई, Trudeau को Canadian MP Chandra Arya ने घेरा

कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की मौत का मामला अभी गर्माया ही हुआ था कि एक और गैंगस्टर की हत्या ने सनसनी फैला दी है। हम आपको बता दें कि पंजाब के सर्वाधिक वांछित अपराधियों में से एक गैंगस्टर सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके की अज्ञात लोगों ने कनाडा के विनिपेग शहर में हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि इसे कुछ गैंग के बीच आपसी दुश्मनी का परिणाम माना जा रहा है। हम आपको यह भी बता दें कि सुक्खा पर हमले की जिम्मेदारी लारेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया गैंगों ने ली है। बताया जा रहा है कि कनाडा में मारे गये गैंगस्टर के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती सहित कम से कम 18 मामले थे। उसकी हत्या कनाडा समयानुसार बुधवार रात को हुई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके पंजाब के मोगा जिले के दुनेके कलां गांव से था और वह दिसंबर 2017 में कनाडा भाग गया था। दुनेके दविंदर बंबीहा गिरोह का सक्रिय सदस्य था और कनाडा में गैंगस्टर से आतंकवादी बने अर्श दल्ला, गैंगस्टर लकी पटिआल, मलेशिया के गैंगस्टर जैकपाल सिंह उर्फ लाली तथा अन्य अपराधियों का करीबी था।
बताया जा रहा है कि खूंखार गैंगस्टर दुनेके विदेशी धरती से अपना गिरोह चला रहा था। साथ ही वह उगाही का रैकेट चलाने, स्थानीय सहयोगियों की मदद से पंजाब और आस-पास के इलाकों में विरोधी गिरोह के सदस्यों की हत्या कराने तथा विदेशों में बसे सहयोगियों के नेटवर्क के प्रबंधन में भी शामिल था। बताया जा रहा कि पिछले कुछ महीनों में पंजाब और आसपास के इलाकों में दुनेके की ओर से वसूली के लिए फोन करने की घटनाएं बढ़ी थीं। जनवरी में दुनेके के दो सहयोगियों- कुलविंदर सिंह उर्फ किंडा और परमजीत सिंह पम्मा को काउंटर-इंटेलिजेंस विंग (बठिंडा) ने गिरफ्तार किया था और उनके कब्जे से तीन पिस्तौल और कारतूस जब्त किए गए थे। ये दोनों लोग दुनेके के उगाही रैकेट का हिस्सा थे। बताया जा रहा है कि दुनेके के पिता की 1990 में मौत हो गई थी और उसे अनुकंपा के आधार पर मोगा के उपायुक्त कार्यालय में चपरासी की नौकरी मिल गई थी। दुनेके ने आठ वर्ष तक नौकरी की थी और इस दौरान वह नशे का आदी हो गया था। उसके खिलाफ 2022 में लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। पिछले साल मार्च में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अंबियां की हत्या के मामले में भी उसका नाम सामने आया था। उस पर हत्या के लिए शूटर का इंतजाम करने का आरोप था। जनवरी 2022 में बंबीहा गिरोह के शूटरों द्वारा प्रतिद्वंद्वी गिरोह के दो सदस्यों- मनप्रीत सिंह और विक्की सिंह की हत्या के मामले में भी दुनेके का नाम सामने आया था।

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दूसरी ओर, कनाडा के नागरिकों के वीजा आवेदनों की प्रारंभिक जांच के लिए भारत द्वारा नियुक्त एक निजी एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर सेवाओं के निलंबन से संबंधित नोटिस जारी किया था लेकिन कुछ घंटों बाद ही इसे हटा लिया। एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर एक सूचना जारी की थी कि भारतीय वीजा सेवाओं को ‘‘अगले नोटिस तक निलंबित’’ कर दिया गया है। हालांकि, बाद में यह सूचना हटा ली गयी। 
उधर, भारत-कनाडा राजनयिक विवाद के बीच प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पार्टी के एक भारतीय-कनाडाई सांसद ने “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” के नाम पर “आतंकवाद के महिमामंडन” और देश में हिंदुओं को निशाना बनाने पर नाराजगी जताई है। हम आपको बता दें कि खालिस्तान आंदोलन के एक नेता के समर्थन वाले चरमपंथी तत्वों ने कनाडा में रह रहे भारतीयों को खुले तौर पर कनाडा से जाने की धमकी दी है, जिसके बाद कनाडा के ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में नेपियन का प्रतिनिधित्व करने वाले चंद्र आर्य ने यह तीखी प्रतिक्रिया जतायी। लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा के सदस्य चंद्र आर्य ने कहा, “कुछ दिन पहले कनाडा में खालिस्तान आंदोलन के नेता और तथाकथित जनमत संग्रह कराने वाले सिख फॉर जस्टिस के अध्यक्ष गुरपतवंत सिंह पन्नून ने हिंदू कनाडाई लोगों पर निशाना साधते हुए हमसे कनाडा छोड़ने और भारत वापस जाने के लिए कहा।” भारतीय-कनाडाई सांसद ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मैंने कई हिंदू-कनाडाई लोगों से सुना है जो इस तरह निशाना बनाए जाने से भयभीत हैं। मैं हिंदू-कनाडाई लोगों से शांत लेकिन सतर्क रहने का आग्रह करता हूं। कृपया हिंदूफोबिया की किसी भी घटना की सूचना अपनी स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दें।” चंद्र आर्य ने कहा कि खालिस्तान आंदोलन के नेता हिंदू कनाडाई लोगों को जवाबी कार्रवाई और कनाडा में हिंदू और सिख समुदायों को विभाजित करने के लिए उकसाने की कोशिश कर रहे हैं। चंद्र आर्य ने कहा, “कनाडा में उच्च नैतिक मूल्य हैं और हम पूरी तरह से कानून के शासन का समर्थन करते हैं। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आतंकवाद का महिमामंडन या किसी धार्मिक समूह को निशाना बनाकर किए जाने वाले घृणा अपराध की इजाजत कैसे दी जा सकती है?”
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दोनों देशों की सरकारों से मांग की है कि वह इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाएं क्योंकि इससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं। सुखबीर सिंह बादल ने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और कहा कि भारत सरकार को प्राथमिकता के आधार पर इस मुद्दे को देखना चाहिए।

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