लगातार दो दिनों में 400 से अधिक भारतीय नागरिकों की इजराइल से निकासी के बाद तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने इजराइल-हमास संघर्ष के बीच देश छोड़ने के इच्छुक और भारतीयों की सुविधा के लिए शनिवार को दो विशेष उड़ानों की घोषणा की है।
‘ऑपरेशन अजय’ के तहत विशेष उड़ानें उन भारतीय नागरिकों की वापसी की सुविधा के लिए 12 अक्टूबर को शुरू की गईं, जो गाजा से हमास आतंकवादियों द्वारा इजराइली शहरों पर किए गए भीषण हमलों के बाद पैदा हुए हालात के मद्देनजर वतन लौटना चाहते हैं। इन हमलों के कारण क्षेत्र में काफी तनाव पैदा हो गया है।
पहली उड़ान स्थानीय समयानुसार शाम 5:00 बजे रवाना होने की उम्मीद है और इसमें 230 यात्री सवार हो सकते हैं। दूसरी उड़ान स्थानीय समयानुसार रात 11:00 बजे निर्धारित है और इसमें 330 यात्री सवार हो सकते हैं।
राजदूत संजीव सिंगला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘दूतावास इजराइल में हमारे उन सभी नागरिकों की सुविधा के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है जो देश छोड़ना चाहते हैं। हमने छात्रों, नर्स और व्यवसायी समेत अन्य लोगों से संपर्क किया है। उनमें से कुछ वास्तव में स्वयंसेवकों के रूप में हमारे साथ काम कर रहे हैं। हम सभी से संयमित रहने का आग्रह करते हैं।’’
इजराइल में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘दूतावास ने शनिवार को दो विशेष उड़ानों को लेकर अगले जत्थे के लिए पंजीकृत भारतीय नागरिकोंको ई-मेल किया है। अन्य पंजीकृत लोगों को संदेश बाद की उड़ानों के लिए भेजा जाएगा।’’
दूतावास के डेटाबेस में सभी भारतीयों को पंजीकृत करने के लिए भारतीय दूतावास द्वारा शुरू किए गए एक अभियान के बाद यात्रियों को ‘‘पहले आओ पहले पाओ’’ के आधार पर चुना जाता है। उनकी वापसी का खर्च सरकार उठा रही है।
फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के साथ इजराइल के बढ़ते संघर्ष के बीच बेन गुरियन हवाई अड्डे से रवाना होने वाले भारतीयों का यह तीसरा और चौथा जत्था होगा।
दो शिशुओं सहित 235 भारतीय नागरिकों का दूसरा जत्था शुक्रवार देर रात सुरक्षित आया और शनिवार सुबह दिल्ली पहुंच गया। इजराइल से पहली विशेष उड़ान बृहस्पतिवार देर शाम 211 वयस्कों और एक शिशु को लेकर रवाना हुई और शुक्रवार सुबह दिल्ली पहुंची।
इजराइल में नर्स, छात्रों, कई आईटी पेशेवरों और हीरा व्यापारियों समेत लगभग 18,000 भारतीय नागरिक रहते हैं। सात अक्टूबर को गाजा पट्टी से हमास आतंकवादियों द्वारा इजराइल पर अभूतपूर्व हमले के बाद भारतीय नागरिकों की निकासी की शुरुआत हुई।