यूक्रेन और रूस के बीच जारी हाहाकारी जंग में आने वाला वक्त बेहद ही अहम रहने वाला है। अभी दिसंबर चल रहा है और रूस हर हाल में डोनेस्क की जंग में इसी महीने के अंदर जीत दर्ज करना चाहता है। 25 जनवरी के बाद शुरू होने वाली बर्फबारी जमीनी जंग को मुश्किल कर देगी। अगर ऐसा हुआ तो दो ही रास्ते बचेंगे। पहला जंग में हार को स्वीकार करना या फिर न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल। यही वजह है कि रूस की तरफ से हो रही जल्दबादी को डोनेस्क के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन यूक्रेन भी रूस को कामयाब नहीं होने दे रहा है।
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यूक्रेनी सेना ने बरसाई मिसाइलें
बर्फबारी से ठीक पहले सर्दी में भी गरमी का अहसास कराया जाने लगा। डोनेस्क, बाखमुत, मेलितोपोल, ओडेसा, जेपोरेजिया, क्रीमिया, सूमी यानी यूक्रेन और रूस के नक्शे में शामिल इन सभी जगहों पर इस वक्त ऐसी तबाही मची है। जिसकी कल्पना भी कर ली जाए तो दहशत हावी हो जाएगी। इस वक्त जंग में डोनेस्क सीमा रेखा बना है। ये वो जगह है जहां रूस और यूक्रेन के बीच निर्णायक घमासान छिड़ गया है। एक तरफ रूस हर हाल में यूक्रेनी फोर्स को पीछे ढकेलने की कोशिश कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन किसी भी हालात में इस जमीं को रूसी सेना से आजाद कराने के लिए बारूद बरसा रहा है। यूक्रेन की सेना ने क्रीमिया से लेकर रूस के कब्जे वाले डोनेस्क इलाके तक मिसाइलों की बारिश की है। यूक्रेनी सेना ने रणनीतिक रूप से अहम मेलितोपोल इलाके पर भी हमला किया है।
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पुतिन ने भी बरसाई आग
रूस के जंग के बीच यूक्रेन अब अमेरिका से हथियारों की मांग कर रहा है। यूक्रेनी सैन्य जनरल ने रूस की ओर से 20 हवाई हमले और 60 से अधिक रॉकेट हमले के अलावा मिसाइल हमले किये जाने की जानकारी दी। प्रवक्ता अलेक्जेंडर शुतपुन ने कहा कि बखमुत जिले में सबसे सक्रिय लड़ाई हुई, जहां आबादी वाले 20 से अधिक स्थान गोलाबारी की चपेट में आ गये। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सेना ने दोनेत्स्क और पड़ोसी लुहांस्क में रूसी हमले को नाकाम कर दिया। यूक्रेनी अधिकारियों और विश्लेषकों ने कहा कि रूस ने पिछली गर्मी के दौरान करीब पूरे लुहांस्क क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था, इसके बाद दोनेत्स्क पर कब्जा किया। उन्होंने कहा कि अब रूस ने हाल के हफ्तों में बखमुत शहर की घेराबंदी करने के लिए अपनी सेना और संसाधनों को बढ़ा दिया है। यूक्रेन की सेना ने शनिवार को उत्तर पूर्व में खारकीव और सुमी, मध्य यूक्रेन के निप्रॉपेट्रोस, दक्षिण पूर्व में जापोरिज्जिया और दक्षिण में खेरसॉन में भी हमलों की सूचना दी।