संयुक्त राष्ट्र और अन्य समूहों ने दक्षिणी एशियाई देशों से अंडमान सागर में एक छोटी नौका में कई हफ्तों से फंसे 190 लोगों को बचाने की शुक्रवार को अपील की। इनकी नाव समुद्र में भटक गई थी।
माना जाता है कि ये लोग म्यांमा के रोहिंग्या मुस्लिम हैं जो पांच साल से बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं और मलेशिया एवं इंडोनेशिया में बेहतर जिंदगी की तलाश में हैं।
सेटेलाइट फोन से कथित रूप से भेज गए संदेशों में इन लोगों ने अपने परिवारों को अपनी स्थिति के बारे में जानकारी दी है।
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने एक बयान में कहा कि रिपोर्ट से संकेत मिला है कि वे करीब एक महीने से समुद्र में फंसे हैं और उनकी हालत खराब है तथा उनके पास पर्याप्त खाना और पानी नहीं है।
बयान में कहा गया है, “क्षेत्र के सभी देशों की जिम्मेदारी है कि वे नाव पर सवार लोगों को बचाएं और उन्हें कानूनी दायित्वों के अनुरूप और मानवता के नाम पर सुरक्षित रूप से (तट पर) पहुंचायें।”
मलेशिया और इंडोनेशिया दोनों ही मुस्लिम बहुल देश हैं। फिर भी शरण चाह रहे लोगों के वहां पहुंचने पर उन्हें हिरासत में लिए जाने का खतरा रहता है।
यूएनएचसीआर ने कहा कि अपुष्ट रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि नाव वर्तमान में इंडोनेशिया में असेह के उत्तर में है।