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संयुक्त राष्ट्र । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उन सैकड़ों व्यक्तियों, कंपनियों और अन्य संस्थाओं के लिए अधिक पारदर्शी प्रक्रियाओं को शुक्रवार को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी जो संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन हैं और काली सूची से बाहर आना चाहते हैं। माल्टा और अमेरिका द्वारा सह-प्रायोजित इस प्रस्ताव के जरिये सुरक्षा परिषद द्वारा संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों की प्रभावशीलता में सुधार के तरीकों की जांच करने के लिए एक नया अनौपचारिक कार्य समूह बनाया जा सकेगा। माल्टा की संयुक्त राष्ट्र राजदूत वैनेसा फ्रेजियर ने मतदान से पहले परिषद को बताया कि यह प्रस्ताव ‘‘उचित प्रक्रिया के प्रति परिषद की प्रतिबद्धता का स्पष्ट संकेत है।’’
अमेरिकी उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने मतदान के बाद परिषद की सर्वसम्मति से मंजूरी को ‘‘एक ऐतिहासिक क्षण’’ बताया और कहा कि सूची से बाहर करने संबंधी प्रक्रिया 18 वर्ष से नहीं बदली है। उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता जैसे मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर रहा है।’’
वुड ने कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध शांति और सुरक्षा के लिए खतरों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रतिबंधों के जरिये आतंकवाद का मुकाबला करने में मदद मिलती है और मानवाधिकारों के हनन को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अनिश्चितकालीन और दंडात्मक प्रतिबंधों के खिलाफ है, तथा जब आवश्यक हो तो प्रतिबंधों को हटाने और कम करने का समर्थन करता है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के उप राजदूत दिमित्री पोलांस्की ने कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को अत्यधिक सावधानी से लागू किया जाना चाहिए।