यद्यपि भारत अगले सप्ताह एक विशेष ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ सम्मेलन की मेजबानी की तैयारी कर रहा है और इस बीच संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा है कि महासचिव एंतोनियो गुतारेस उन मुद्दों के बारे में बहुत मुखर रहे हैं, जो यूक्रेन संघर्ष और विकासशील देशों पर कोविड संकट के गहरे प्रभाव पर केंद्रित होंगे।
भारत 12-13 जनवरी को डिजिटल माध्यम से ‘वॉयस आफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जिसमें वैश्विक दक्षिण सहित विकासशील देशों को अपने मुद्दों, चिंताओं और प्राथमिकताओं को रखने का मौका मिलेगा।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक भारत द्वारा आयोजित किए जा रहे इस डिजिटल शिखर सम्मेलन को लेकर एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें 120 से अधिक देशों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
शिखर सम्मेलन में कोविड -19 महामारी के प्रभाव, यूक्रेन संघर्ष और बढ़ती खाद्य, उर्वरक और ईंधन की कीमतों जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
दुजारिक ने शुक्रवार को कहा, ‘‘ स्पष्ट रूप से, ये ऐसे मुद्दे हैं, जिनके बारे में मुझे लगता है कि महासचिव बहुत मुखर रहे हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या संयुक्त राष्ट्र को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है, दुजारिक ने कहा कि वह इस बारे में पता करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये 120 देशों को आमंत्रित किया गया है। इस सम्मेलन का मुख्य विषय ‘यूनिटी आफ वॉयस, यूनिटी आफ पर्पज’ है।
उसने कहा था, ‘‘भारत यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ में विचार-विमर्श में भागीदार देशों से जानकारी प्राप्त की जाये।’’
मंत्रालय ने कहा था इस शिखर सम्मेलन की बैठकों में हिस्सा लेने वाले देशों की राय, विचारों, चिंताओं एवं सुझाव का संकलन प्रस्तुत किया जायेगा। इन देशों की बातें जी-20 समूह की भारत की अध्यक्षता के दौरान महत्वपूर्ण विचार के रूप में ली जाएंगी।
इस डिजिटल शिखर बैठक में 10 सत्र होंगे, जिसमें दो सत्र शासनाध्यक्ष स्तरीय होंगे, जबकि आठ सत्र मंत्री स्तरीय होंगे। शासनाध्यक्षों के स्तर के सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल रहेंगे।