संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने शुक्रवार को भारत से कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ जारी कार्रवाई तुरंत बंद करने को कहा और नयी दिल्ली से उनके खिलाफ शुरू की गई सभी जांचों को बंद करने तथा उन्हें रिहा करने का आग्रह किया।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत मैरी लॉलर का यह आग्रह ऐसे समय में आया है, जब राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) से जुड़े आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में जम्मू-कश्मीर नागरिक समूह गठबंधन (जेकेसीसीएस) के समन्वयक खुर्रम परवेज को गिरफ्तार किया है।
एनआईए के मुताबिक, इस मामले में घाटी के कुछ गैर-सरकारी संगठनों, ट्रस्ट और सोसाइटी के आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों के वित्तपोषण में शामिल होने की जांच की जा रही है।
एनआईए ने कहा है कि इनमें से कुछ संगठनों ने लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध विकसित किए हैं।
मैरी लॉलर ने कहा, ‘‘भारतीय अधिकारी कश्मीरी नागरिक समाज के लंबे समय से चले आ रहे दमन को तेज करते दिख रहे हैं। भारत को अपने मानवाधिकारों के दायित्वों का सम्मान करना चाहिए और जहां वह उनका उल्लंघन करता है, उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।