संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को कहा कि विदेशी सैनिकों के सहयोग से माली के सुरक्षा बलों ने एक गांव में पिछले साल कुछ ही दिनों के भीतर कम से कम 500 लोगों की हत्या कर दी थी।
इस घटना को पहले से ही माली में चरमपंथियों के खिलाफ दशक भर से चल रहे युद्ध में एक दिन में किया गया सबसे बड़ा अत्याचार कहा जाता है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मध्य माली के मोउरा गांव में पांच दिनों तक हुई हिंसा के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दी है और कहा है कि इस दौरान कम से कम 500 लोगों की हत्या की गई थी।
इससे पहले ‘ह्यूमन राइट्स वाच’ ने मरने वालों की संख्या 300 बतायी थी।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने रिपोर्ट के तथ्यों को बेहद पेरशान करने वाला बताया है।
तुर्क ने कहा, ‘‘सशस्त्र संघर्ष के दौरान हत्याएं, बलात्कार और प्रताड़ना युद्ध अपराध के समान है और परिस्थितियों के आधार पर यह मानवता के खिलाफ अपराध के समान है।’’
माली के प्रशासन ने कहा था कि पिछले साल मार्च में उनके अभियान ने चरमपंथियों के प्रभाव को बेअसर कर दिया था और उसने संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं को गांव जाने की अनुमति नहीं दी थी।
रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों का विश्लेषण किया और पीड़ितों तथा गवाहों से बातचीत की और यह रिपोर्ट तैयार की।