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UNHCR के प्रमुख ने अफगान शरणार्थियों के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बात की

इस्लामाबाद । संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान में अनिश्चितता के बीच रह रहे अफगान शरणार्थियों के मुद्दे पर मंगलवार को बातचीत की। पाकिस्तान सरकार ने सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमले बढ़ने के बाद पिछले साल प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। पाकिस्तान में बिना दस्तावेजों के रह रहे अफगानिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई पर हाल ही में रोक लगा दी गई थी। हालांकि अधिकारियों ने इसके लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। पाकिस्तान में करीब 17 लाख अफगान रहते हैं, जिन्होंने 1979 से 1989 के बीच सोवियत संघ के कब्जे के बाद देश छोड़ दिया था। 
2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद 50 लाख से अधिक लोग अफगानिस्तान छोड़कर भाग गए थे, जिनमें से हजारों लोग पाकिस्तान में रहकर अमेरिका या किसी अन्य जगह बसने का इंतजार कर रहे हैं। नवंबर में शुरू हुई कार्रवाई को लेकर आलोचना का सामना कर रहे पाकिस्तान से लगभग छह लाख शरणार्थी वापस अपने देश जा चुके हैं। पाकिस्तान में बिना दस्तावेज के भी शरणार्थी रह रहे हैं। ये उन शरणार्थियों से अलग हैं, जिन्होंने प्राधिकारियों और यूएनएचआरसी के समक्ष अपना पंजीकरण करा रखा है। बिना दस्तावेजों के रह रहे शरणार्थियों पर कार्रवाई को लेकर पंजीकृत शरणार्थी भी चिंतित हैं। 
संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त फिलिप ग्रैंडी रविवार को पाकिस्तान आए और यात्रा के पहले दो दिन अफगान शरणार्थियों से मुलाकात की। ग्रैंडी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “मैंने अफगान शरणार्थियों के साथ समय बिताया जिनकी कुशलता उनकी ताकत और पाकिस्तान के लंबे आतिथ्य का प्रमाण है।” मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख से कहा कि कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद अफगान शरणार्थियों के साथ “अनुकरणीय सम्मान के साथ व्यवहार किया जाता है। शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी आग्रह किया कि “इतनी बड़ी शरणार्थी आबादी को शरण देते समय पाकिस्तान जो बोझ उठा रहा है उसे पहचानें और सामूहिक जिम्मेदारी दिखाएं।

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