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Pakistan के हाथ से निकल सकता है Gilgit-Baltistan, तेजी से बिगड़ते हालात के बीच पाक के कई टुकड़ों में बँटने के दिख रहे आसार

गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के साथ पाकिस्तान की ओर से किये जा रहे सौतेले व्यवहार के चलते यहां के हालात तेजी से बिगड़ गये हैं। सड़कों पर बड़ी-बड़ी रैलियां निकल रही हैं, पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, खुलेआम पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भाषण दिये जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यदि हालात कुछ समय और ऐसे बने रहे तो पाकिस्तान को इस क्षेत्र से हाथ धोना पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तमाम वीडियो में देखा जा सकता है कि गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान से निजात पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार दिख रहे हैं। हम आपको बता दें कि हाल ही में इस क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जहां भीड़ को संबोधित कर रहे एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता था कि यदि पाकिस्तान ने इस क्षेत्र के साथ अत्याचार बंद नहीं किये तो हम भारतीय सेना से मदद मांगेंगे। 
हम आपको यह भी याद दिला दें कि भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कह चुके हैं कि भारत की उत्तर में विकास यात्रा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के गिलगित और बाल्टिस्तान के हिस्सों में पहुंचने के बाद पूरी होगी। साथ ही उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लोगों पर जो अत्याचार किये जा रहे हैं उसके अंजाम पाकिस्तान को भुगतने होंगे। हम आपको यह भी याद दिलाना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साल 2016 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से दिये अपने भाषण में पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों के हालात की बात की थी और कहा था कि बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों ने उनके मुद्दे उठाने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया है। इसके अलावा हाल ही में कारगिल विजय दिवस पर भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भविष्य में जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए एलओसी पार करने की चेतावनी दी थी।

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हम आपको यह भी याद दिला दें कि जो हालात गिलगित-बाल्टिस्तान में हैं, वैसे ही हालत बलूचिस्तान में भी नजर आ रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान के अत्याचार सहते सहते अब स्थानीय लोग तंग आ चुके हैं और बांग्लादेश की तरह आजाद होना चाहते हैं। बलूचिस्तान के लोग तो चाहते हैं कि भारत उनकी मदद वैसे ही करे जैसे कि पाकिस्तान को तोड़कर बांग्लादेश का गठन करवा कर की थी। इसके लिए बलूचिस्तान की निर्वासित प्रधानमंत्री नाएला कादरी ने हाल ही में भारत का दौरा कर समर्थन जुटाने की कवायद भी की थी। देखा जाये तो पाकिस्तान के इस समय जो हालात नजर आ रहे हैं उसको देखते हुए विभिन्न राज्यों में स्वायत्त देश बनाने की मांग उठ रही है। अगर ऐसा होता है तो स्वाभाविक रूप से पाकिस्तान चार हिस्सों में बंट सकता है। इसमें से सिंध, बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान में भारत के प्रति सकारात्मक आवाजें आ रही हैं। पाकिस्तान के कई नागरिक खुले तौर पर कह रहे हैं कि पाकिस्तान की दुर्गति को देखकर यही लगता है कि हम हिन्दुस्तान के साथ ही रहे होते।
जहां तक गिलगित-बाल्टिस्तान के वर्तमान हालात की बात है तो आपको बता दें कि इस क्षेत्र में शिया और सुन्नियों के बीच नये विवाद ने भी बड़े बवाल का रूप ले लिया है जिसके चलते बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सेना के जवानों की तैनाती की गयी है। कुछ अपुष्ट खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि स्थानीय लोग पाकिस्तानी सेना के साथ भिड़ रहे हैं जिससे पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द पैदा हो गया है। इस बीच, पाकिस्तान के अंतरिम सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने कहा है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में स्थिति ‘पूरी तरह से शांतिपूर्ण’ है। मंत्री का यह बयान इस क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव के कारण अधिकारियों के मजबूर होकर अगले आदेश तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के बीच आया है। क्षेत्र के गृह विभाग द्वारा जारी बयान के हवाले से सोलांगी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘गिलगित-बालटिस्तान में स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और पाकिस्तानी सेना की तैनाती को लेकर मीडिया में प्रसारित हो रही खबरें निराधार हैं।’ उन्होंने बताया कि क्षेत्र में सभी सड़कें, व्यवसायिक केंद्र, व्यापारिक गतिविधियां और शिक्षण संस्थान पहले की तरह खुले हुए हैं। इस क्षेत्र में सुन्नी और शिया मुस्लिमों के बीच दुश्मनी का पुराना इतिहास रहा है। मंत्री ने बताया कि चेहल्लुम या अरबईन की पूर्व संध्या पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाकिस्तानी सेना और असैन्य सशस्त्र बलों की सेवाएं मांगी गई हैं। हम आपको बता दें कि चेहल्लुम, इराक के करबला में हुई लड़ाई में पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत के 40वें दिन होता है। उन्होंने कहा कि पूर्व की परंपरा को देखते हुए जुलूस मार्गों और इमामबाड़ों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए गए हैं, जिसमें कानून और व्यवस्था बनाए रखने, जीवन की रक्षा करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई है।
हम आपको यह भी बता दें कि गिलगित में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रख्यात सुन्नी मौलवी द्वारा कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के कुछ घंटों बाद एक शिया समूह के आह्वान पर गिलगित शहर और आसपास के इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मौलवी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। डॉन अखबार के अनुसार, दोनों तरफ से कथित अपमानजनक टिप्पणी के कारण प्राधिकारी एक सप्ताह से तनावपूर्ण स्थिति से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान क्षेत्र में अगले आदेश तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। अखबार के मुताबिक, गिलगित के पुलिस थाने में सुन्नी मौलवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि अन्य प्राथमिकी स्कर्दू में प्रख्यात शिया मौलवी के खिलाफ दर्ज की गई है।

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