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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आधिकारिक तौर पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 की…
सियोल । परमाणु ऊर्जा से संचालित अमेरिकी विमानवाहक पोत त्रिपक्षीय अभ्यास के लिए शनिवार को दक्षिण कोरिया पहुंचा। रूस और उत्तर कोरिया की गुटबंदी के बाद उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरों से निपटने के लिए दोनों देशों के सैन्य प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने के तहत ‘यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट स्ट्राइक ग्रुप’ दक्षिण कोरिया के बुसान शहर पहुंचा। इससे एक दिन पहले दक्षिण कोरिया ने रूस के राजदूत को तलब किया था और इस हफ्ते के शुरू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच एक समझौते के लिए बनी सहमति को लेकर विरोध दर्ज कराया था।
यह समझौते में किसी एक देश पर युद्ध की स्थिति में पारस्परिक रक्षा सहायता का संकल्प जताया गया है। दक्षिण कोरिया का कहना है कि यह समझौता उसकी सुरक्षा के लिए खतरा है और उसने चेतावनी दी है कि वह रूसी आक्रमण से निपटने के लिए यूक्रेन को हथियार भेजने पर विचार कर सकता है। जून की शुरुआत में सिंगापुर में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के रक्षा प्रमुखों की बैठक हुई थी जिसके बाद इन देशों ने ‘फ्रीडम एज’ की घोषणा की।
नए बहु-क्षेत्रीय अभ्यास का उद्देश्य वायु, समुद्र और साइबरस्पेस सहित परिचालन के विभिन्न क्षेत्रों में देशों की संयुक्त प्रतिक्रिया को तेज करना है। थियोडोर रूजवेल्ट स्ट्राइक ग्रुप उस अभ्यास में भाग लेगा जिसके जून महीने में शुरू होने की उम्मीद है। दक्षिण कोरिया की सेना ने प्रशिक्षण के विवरण की तुरंत पुष्टि नहीं की। दक्षिण कोरिया की नौसेना ने एक बयान में कहा कि थियोडोर रूजवेल्ट का आगमन सहयोगी देशों के सख्त रक्षा संबंधी रुख और ‘बढ़ते उत्तर कोरियाई खतरों का कड़ा जवाब देने के प्रति दृढ़ इच्छा’ को दर्शाता है।