रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन ने शनिवार को कहा कि अमेरिका-भारत संबंध एक समान दृष्टिकोण और सामान्य मूल्यों पर आधारित हैं और रिश्ते में गति न केवल जारी रहने वाली है बल्कि इसमें गति आएगी। ऑस्टिन की टिप्पणी तब आई जब उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के बारे में शांगरी ला डायलॉग में एक प्रतिनिधि के सवाल का जवाब दिया। सिंगापुर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला शांगरी ला डायलॉग एशिया का प्रमुख रक्षा शिखर सम्मेलन है। उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि अभी भारत के साथ हमारा रिश्ता उतना ही अच्छा या उससे बेहतर है, जितना पहले था।
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उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ बख्तरबंद वाहनों का सह-उत्पादन कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि परियोजना पर अच्छी प्रगति हुई है। अमेरिका-भारत संबंध एक समान दृष्टिकोण और समान मूल्यों पर आधारित हैं। “तो, मेरा मानना है कि जो गति हम देख रहे हैं वह न केवल जारी रहेगी बल्कि एक बिंदु पर इसमें गति भी आएगी। हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर अपने संबोधन में ऑस्टिन ने कहा कि क्षेत्र में अपने दोस्तों के साथ मिलकर, हम राष्ट्रीय बाधाओं को तोड़ रहे हैं और अपने रक्षा उद्योग को बेहतर ढंग से एकीकृत कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।
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इंडो-पैसिफिक एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर सहित पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर शामिल हैं। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। अमेरिका, भारत और कई अन्य विश्व शक्तियां संसाधन संपन्न क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मुखरता की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुले और संपन्न इंडो-पैसिफिक को सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं। ऑस्टिन ने प्रतिनिधियों को यह भी बताया कि अमेरिकी रक्षा उद्योग को जापान सहित क्षेत्रीय देशों के साथ एकीकृत किया जा रहा है।