गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए अमेरिकी सेना द्वारा निर्मित तैरते घाट को हटाकर वापस लाया जाएगा।
इस घाट को मौसम और सुरक्षा संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ा, जिसके कारण फलस्तीनियों तक भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर असर पड़ा।
इन समस्याओं के कारण इस घाट को हटाने का फैसला किया गया है।
आलोचकों का कहना है कि यह घाट 23 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत वाली बेकार कवायद थी, जो आसन्न अकाल को रोकने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने में विफल रही।
हालांकि, अमेरिकी सेना ने कहा है कि इस परियोजना के जरिए उसने फलस्तीनियों को लगभग दो करोड़ पौंड (90 लाख किलोग्राम) की अत्यंत आवश्यक आपूर्ति पहुंचाई।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मार्च में अपने ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ भाषण के दौरान घाट के निर्माण की घोषणा की थी।
उन्होंने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि घाट उम्मीद के मुताबिक फायदेमंद नहीं रहा।
यह घाट 16 मई को स्थापना के बाद 25 दिनों से भी कम समय तक संचालित हो सका और सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण सहायता एजेंसियां इसका उपयोग केवल आधे समय ही कर पाईं।
इजराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने मंगलवार को कहा कि गाजा पट्टी में सहायता पहुंचाने के लिए इजराइल के अशदोद बंदरगाह पर जल्द ही एक नया घाट ‘पियर 28’ स्थापित किया जाएगा, जो अमेरिकी सेना द्वारा निर्मित घाट की जगह लेगा। उन्होंने यह नहीं बताया कि यह कब से चालू होगा।