अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया कि अमेरिकी लड़ाकू विमान ने अलास्का से उत्तरी कनाडा के हवाई क्षेत्र में घुसी एक अज्ञात एवं मानवरहित वस्तु को नष्ट किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद इस संबंध में फैसला किया गया।
इससे एक दिन पहले अमेरिका के एक लड़ाकू विमान ने अलास्का के उत्तरी तट के पास करीब 40,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ रही छोटी कार के आकार की एक वस्तु को बाइडन के आदेश पर नष्ट किया था।
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर पैट राइडर ने बताया कि ‘नार्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड’ (एनओआरएडी) ने शुक्रवार देर शाम अलास्का के ऊपर एक वस्तु देखी।
व्हाइट हाउस ने बताया कि एनओआरएडी ने इसके बाद 24 घंटे इस वस्तु पर निकटता से नजर रखी और राष्ट्रपति को उनके राष्ट्रीय सुरक्षा दल ने इसकी लगातार जानकारी दी।
व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘अत्यधिक सावधानी बरतते हुए और अपनी सेनाओं की सिफारिश पर राष्ट्रपति बाइडन और कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो ने इसे नष्ट करने की अनुमति दी।’’
बाइडन ने इस अभियान के लिए एनओआरएडी को सौंपे गए अमेरिकी लड़ाकू विमान को इस अभियान के लिए अधिकृत किया और एक अमेरिकी एफ-22 विमान ने कनाडा के अधिकारियों के साथ निकट समन्वय से कनाडाई क्षेत्र में वस्तु को नष्ट कर दिया।
राइडर ने बताया कि एक अमेरिकी एफ-22 विमान ने अमेरिकी एवं कनाडाई प्राधिकारियों के निकट समन्वय के बीच ‘एआईएम 9एक्स’ मिसाइल का इस्तेमाल करके वस्तु को नष्ट कर दिया।
इस बीच, कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो ने भी बताया कि उनके आदेश पर एक अमेरिकी लड़ाकू विमान ने युकोन के हवाई क्षेत्र में उड़ रही एक ‘‘अज्ञात वस्तु’’ को नष्ट कर दिया।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह वस्तु कितनी ऊंचाई पर उड़ रही थी।
एफ-22 लड़ाकू विमान अब तक तीन ऐसी वस्तुओं को नष्ट कर चुके हैं, जिनमें से कम से कम वस्तु चीनी जासूसी गुब्बारा था, लेकिन शेष दो की जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
अमेरिका ने एक सप्ताह पहले ही अटलांटिक महासागर में दक्षिण कैरोलाइना के तट के पास चीन के एक गुब्बारे को नष्ट किया था, जिसने 30 जनवरी को अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था। पेंटागन ने कहा है कि उक्त गुब्बारा एक बड़े निगरानी कार्यक्रम का हिस्सा था जिसे चीन कई सालों से चला रहा है।
चीन ने स्वीकार किया है कि यह गुब्बारा उसका था लेकिन उसने इस बात से इनकार किया कि इसका मकसद जासूसी करना था। चीन का कहना है कि इसका उद्देश्य मौसम संबंधी जानकारी जुटाना था।