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Russian presidential elections में पुतिन की बंपर जीत, अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी ने क्या सुनाया?

व्लादिमीर पुतिन के 5वीं बार राष्ट्रपति चुने जाने को लेकर पश्चिमी देशों ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। पश्चिमी नेताओं ने व्लादिमीर पुतिन के लिए वास्तविक प्रतिस्पर्धा की अनुपस्थिति, चुनावी पारदर्शिता की कमी और रूस द्वारा अवैध रूप से कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्र पर मतदान का हवाला देते हुए रूस के राष्ट्रपति चुनाव की कड़ी निंदा की है। ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड कैमरन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव जैसा नहीं दिखता है। लातवियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस में हुआ तथाकथित राष्ट्रपति ‘चुनाव’ बिना किसी आश्चर्य के समाप्त हो गया है।

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कई यूरोपीय देशों ने रूस में खुली राजनीतिक बहस की अनुपस्थिति की आलोचना और कहा तकि देश के सबसे प्रमुख असंतुष्ट अलेक्सी ए नवलनी सहित राजनीतिक विरोधियों को रास्ते से हटा दिया गया। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि रूसी अधिकारियों ने पिछले महीने यूक्रेन में युद्ध का विरोध करने वाले एकमात्र उम्मीदवार को भी राष्ट्रपति पद की दौड़ से प्रतिबंधित कर दिया था। पुतिन का शासन सत्तावादी है, वह सेंसरशिप, दमन और हिंसा पर भरोसा करते हैं। ,उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम ”किसी को आश्चर्यचकित नहीं करेगा।’

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रूस ने चुनाव की निगरानी के लिए यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन को आमंत्रित करने से भी इनकार कर दिया, जैसा कि उसने 2018 में पिछले राष्ट्रपति चुनाव में किया था। अधिकांश आलोचना रूस के अवैध कब्जे वाले यूक्रेन के क्षेत्रों में मतदान कराने पर केंद्रित थी। इनमें क्रीमिया और पूर्वी क्षेत्र शामिल हैं जिन पर 2014 में क्रेमलिन द्वारा भड़काए गए युद्ध के बाद कब्जा कर लिया गया था, और अन्य क्षेत्र जिन्हें मॉस्को ने 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद से आंशिक रूप से नियंत्रित किया है। सेना के अनुसार, रूस अब लगभग 18 प्रतिशत यूक्रेनी क्षेत्र को नियंत्रित करता है।

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