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Sudan में प्रतिद्वंद्वी बलों के बीच संघर्ष विराम समझौते के बावजूद राजधानी में हिंसा जारी

दो शीर्ष सूडानी जनरल के बीच संघर्ष विराम समझौते के बावजूद सूडान की राजधानी खार्तूम और ओमडुरमैन शहर में शुक्रवार तड़के भारी विस्फोट और गोलाबारी हुई।
देश में पिछले दो सप्ताह से इन दो जनरल के बीच सत्ता संघर्ष में सैकड़ों लोग मारे गए हैं।
दो सप्ताह से चल रही लड़ाई ने राजधानी को युद्धक्षेत्र में तब्दील कर दिया और सूडान में उथल-पुथल मचा हुआ है। इसके मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों-अफ्रीकी और अरब देश, संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने प्रतिद्वंद्वी जनरल पर अपना दबाव बढ़ा रहे हैं ताकि वे इस संकट के समधान के लिए वार्ता की मेज पर आयें।

हालांकि, अब तक दोनों प्रतिद्वंद्वी पक्षों के बीच केवल नाजुक संघर्षविराम हो पाया है, जो संघर्ष को रोकने में असफल रहा है, लेकिन इसने हजारों सूडानी नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और दूसरे मुल्कों को भूमि, हवाई और जलमार्ग के जरिए अपने नागरिकों को स्वदेश लाने का पर्याप्त समय दे दिया।
वहीं, तुर्किये ने कहा कि देश के नागरिकों को सूडान से बाहर निकालने के लिए पहुंचे विमानों को खार्तूम के बाहर गोलियां लगी। हालांकि, इसमें कोई भी हताहत नहीं हुआ। यह तब हुआ, जब कुछ ही घंटे पहले दोनों पक्ष 72 घंटे के लिये संघर्षविराम बढ़ाने पर राजी हुए, ताकि अन्य देश अपने नागरिकों को देश से निकाल सकें।

तुर्किये के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अपने देश के नागिरकों को सूडान से बाहर निकालने के लिए वादी सईदना की ओर बढ़ रहे सी-130 विमान को ‘‘हल्के हथियारों से निशाना’’ बनाया गया।
स्थानीय निवासियों ने खार्तूम के काफौरी में भीषण संघर्ष की सूचना दी। इससे पहले, इसी स्थान पर सेना ने अपने प्रतिद्वंद्वी रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) पर बमबारी करने के लिए युद्धक विमानों का इस्तेमाल किया था।
सेना के मुख्यालय, सूडान में राष्ट्रपति के आवास ‘रिपब्लिकन पैलेस’ और खार्तूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास के क्षेत्रों में भी झड़पों की सूचना मिली है।
सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी अर्द्धसैनिक बल आरएसएफ के बीच 15 अप्रैल को संघर्ष शुरू हुआ था।

ओमडुरमैन में भी एक समूह ने कैरारी जिले में शुक्रवार से लगातार विस्फोट होने की जानकारी दी और इलाके में रह रहे लोगों से सतर्क रहने को कहा।
आरएसएफ ने ओमडुरमैन और खार्तूम के दक्षिण में स्थित जबल औलिया में उसके ठिकानों पर सेना द्वारा विमान से बमबारी किए जाने का दावा किया, जबकि सेना ने आरएसएफ पर हमले शुरू करने का आरोप लगाया। किसी भी पक्ष के दावे की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
जनरल अब्दुल-फतह बुरहान के नेतृत्व में सूडान की सेना और जनरल मोहम्मद हमदान डागलो के नेतृत्व में ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ के बीच सत्ता संघर्ष ने सूडान के लोकतांत्रिक देश बनने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

पूर्वी अफ्रीका के देशों के एक समूह ने दोनों पक्षों के बीच बातचीत करने की पहल की है और मध्यस्थों का एक समूह योजना को बढ़ावा दे रहा है, जिसमें अफ्रीकी संघ, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और संयुक्त राष्ट्र शामिल हैं।
मिस्र के विदेश मंत्रालय के अनुसार, सेना ने बृहस्पतिवार को बातचीत के लिए सहमति जतायी, लेकिन आरएसएफ की ओर से कोई बयान नहीं आया है।

मिस्र के विदेश मंत्रालय के अनुसार, बुरहान के एक विशेष दूत को मिस्र के विदेश मंत्री के साथ शनिवार को काहिरा में मुलाकात करनी है, जिसके सूडानी सेना के साथ घनिष्ठ संबंध हैं।
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ‘यूएनएचसीआर’ के प्रवक्ता एफ. कसीना नेशुक्रवार को कहा कि संघर्ष शुरू होने के बाद से लगभग 40,000 गैर सूडानी लोग खार्तूम से भाग गए हैं, जिनमें से कई व्हाइट नाइल, अल-क़ादरीफ़ और कसाला प्रांतों में शरणार्थी शिविरों में शरण लिए हुए हैं। इनमें 33,000 दक्षिण सूडानी शरणार्थी, 2,000 इथियोपियाई शरणार्थी शामिल हैं।

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