Breaking News

Pakistan लग जाएगा किनारे, चीन को लगेगा जोर का झटका, India-Iran के बीच अब हो गया कौन सा समझौता?

भारत और ईरान के बीच हुआ एक समझौता पड़ोसी पाकिस्तान के साथ ही चीन के लिए भी चिंता का सबब बन रहा है। हम चाबहार परियोजना की बात कर रहे हैं, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच ताजा बातचीत में इस पर तेजी के साथ काम करने को लेकर समझौता हुआ है। इस परियोजना के शुरू होने पर अफगानिस्तान जाने वाले भारतीय ट्रकों को पाकिस्तान से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा। सीपीईसी के जरिए इस इलाके में अपना दबदबा कायम करने की कोशिश में लगे चीन को भी बड़ा झटका लगेगा। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत और ईरान अपनी पहली विदेशी बंदरगाह परियोजना चाबहार पोर्ट को लेकर अंतिम समझौते पर पहुंच गए हैं। इस ईरानी बंदरगाह का निर्माण दोनों देशों के बीच लंबे समय से चर्चा में है। ये तब भी चर्चा में आया था जब पीएम मोदी साल 2013 में तेहरान गए थे। 

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Jaishankar की Blinken से बातचीत के बाद Houthis पर हमले हो गये, जयशंकर Iran होकर आये तो Pakistan पर हमला हो गया, क्या यह सिर्फ संयोग है?

क्या है चाबहार बंदरगाह परियोजना 

चाबहार बंदरगाह ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। ओमान की खाड़ी में स्थित ये बंदरगाह ईरान के दक्षिणी समुद्र तट को भारत के पश्चिमी समुद्री तट से जोड़ता है। चाबहार बंदरहाग ईरान के दक्षिणी पूर्वी समुद्री किनारे पर बना है। इस बंदरगाह को ईरान द्वारा व्यापार मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया। पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के पश्चिम की तरफ मात्र 72 किलोमीटर की दूर पर है। अभी तक मात्र 2.5 मिलियन टन तक  के समान ढोने की क्षमता वाले इस बंदरगाह को भारत,ईरान और अफगानिस्तान मिलकर इसे 80 मिलियन टन तक समान ढोने की क्षमता वाला बन्दरगाह विकसित करने की परियोजना बना रहे हैं।  

इसे भी पढ़ें: क्या है चाबहार परियोजना, जिसके प्रभावित होने के डर से ईरान ने पाकिस्तान में कर दिया धुंआ-धुंआ, एयर स्ट्राइक और जयशंकर से मुलाकात के पीछे की Inside Story

बीते कुछ सालों में चाबहार परियोजना काफी विकसित हुई है और अब इसमें एक मुख्य केंद्र जाहेदार इलाके तक 628 किलोमीटर लंबी रेल लाइन और फिर ईरान तुर्कमेनिस्तान सीमा पर एक हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबे ट्रैक की परिकल्पना की गई है। हूती ठिकानों पर ब्रिटेन, अमेरिका बलों के हमले और एंटनी ब्लिंकन के साथ चर्चा के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ईरान की दो दिन की यात्रा पर थे। चाबहार बंदरगाह संपर्क और व्यापार रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है। भारत क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चाबहार बंदरगाह प्रोजेक्ट पर जोर दे रहा है, खासकर अफगानिस्तान से इसके कॉन्टैक्ट के लिए।

इसे भी पढ़ें: जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की

चाबहार परियोजना के जरिए पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए भारत को अफगानिस्तान के लिए एक सीधा रास्ता मिलेगा। अफगानिस्तान ऐतिहासिक रूप से भारत के साथ मित्रता के बंधन में बंधा हुआ है। नई कनेक्टिविटी से अफगानिस्तान को भी  बड़ा फायदा होगा। अपने व्यापार कारोबार औऱ संपर्क का विस्तार करने के लिए भारत के रूप में एक बड़ा बाजार मिलेगा। इसके अलावा सीपीईसी के रूप में चीन ने इस इलाके तक जो वर्चस्व स्थापित किया है। इस परियोजना से चीन का प्रभाव भी कम हो जाएगा।  

Loading

Back
Messenger