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450 मिलियन डॉलर, भारत का अचूक हथियार, गणतंत्र दिवस का खास मेहमान, 26 जनवरी को होने वाला है क्या बड़ा ऐलान?

अब सब ने एक खबर पढ़ी या सुनी होगी कि इस बार भारत की तरफ से इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया है। 2024 पर नजर डालें तो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया था। वहीं इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के बतौर चीफ गेस्ट आने की बात जब सामने आई तो कई लोगों ने कहा कि इस बार मुख्य अतिथि के रूप में किसी बड़े देश के नेता को नहीं बुलाया गया। कई मोदी विरोधी ये तक कहने लग गए कि अब वो बात पीएम मोदी में नहीं रही, ट्रंप बुला नहीं रहे और इधर कोई बड़ा नेता भारत आ नहीं रहा। इसलिए इंडोनेशिया को ही बुला लिया गया। लेकिन 26 जनवरी के मुख्य अतिथि के द्वारा ऐसा बड़ा ऐलान किया जा सकता है, जिससे दुनिया के कई देशों के होश उड़ जाएंगे और चीन के तो माथे पर निश्चित ही पसीना आ जाएगा। 

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450 मिलियन डॉलर का समझौता
हिन्दुस्तान के हथियारों की ताकत की धमक अब दुनियाभर में सुनाई दे रही है। जिसमें सबसे पहला नाम सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का है। ये भारत की ऐसी मिसाइल है जिसकी काट दुनिया के किसी भी देश के पास नहीं है। अब इसी हथियार से ड्रैगन के शिकार की तैयारी हो रही है। भारत इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे को अंतिम रूप देने के करीब है। मामले से परिचित सूत्रों के अनुसार, इंडोनेशिया के रक्षा मंत्रालय ने खरीद के संबंध में जकार्ता में भारतीय दूतावास से आधिकारिक तौर पर संपर्क किया है। इस सौदे की घोषणा इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की आगामी नई दिल्ली यात्रा के दौरान होने की उम्मीद है। समझौते को सुविधाजनक बनाने के लिए, भारत भारतीय स्टेट बैंक या किसी अन्य राष्ट्रीय बैंक के माध्यम से इंडोनेशिया को ऋण देने पर विचार कर रहा है। 

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गणतंत्र दिवस पर हो सकती है घोषणा
दुनिया के सबसे ताकतवर सुपरसोनिक मिसाइल की ताकत कुछ ऐसी है कि चीन जैसा देश भी इसका सामना करने से कतराता है। ब्रह्मोस प्रणाली में इंडोनेशिया की रुचि उसके रक्षा आधुनिकीकरण लक्ष्यों और क्षेत्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप है। इस सौदे से भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा संबंध मजबूत होने की भी उम्मीद है, जो जनवरी 2024 में ब्रिक्स समूह में शामिल हुआ। इंडोनेशिया के ब्रिक्स में शामिल होने से भारत सहित सदस्य देशों के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी गहरी हो गई है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत-रूस संयुक्त उद्यम है और यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है जिन्हें पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन से प्रक्षेपित किया जा सकता है। यह मिसाइल ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की गति से उड़ान भरती है। यह संस्करण लगभग 290 किलोमीटर दूरी तक मार सकता है। 

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